बोफर्स में दलाली की खबर अंततः सच साबित हुई
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मंगलवार को आयकर विभाग ने मुम्बई स्थित विन चड्ढ़ा के फ्लैट को 12 करोड ़2 लाख रुपए में नीलाम कर दिया।
बोफर्स दलाल दिवंगत विन चड्ढ़ा के परिजन ने इस नीलामी का विरोध तक नहीं किया।
आयकार न्यायाधीकरण ने 2010 में ही कह दिया था कि बोफर्स की दलाली के मद में 41 करोड़ रुपए क्वात्रोचि और विन चड्ढ़ा को मिले थे।
उस पर भारत सरकार का आयकर बनता है।
आयकर महकमे ने सूद के साथ विन चड्ढ़ा पर 224 करोड़ रुपए का दावा ठोका था।
इस आयकर की वसूली के लिए मन मोहन सरकार ने दस साल में कुछ नहीं किया।
यहां तक कि उस सरकार ने बोफर्स से संबंधित मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने तक नहीं दिया।
पर मोदी सरकार ने कदम उठाया और नीलामी भी हो गई।
इस नीलामी के साथ यह प्रचार गलत निकला कि बोफर्स सौदे में कोई दलाली नहीं ली गई थी।
याद रहे कि राजीव गांधी की सरकार के लोग लगातार क्वात्रोचि और विन चड्ढ़ा का बचाव करते रहे।मतदाताओं ने
राजीव गांधी व उनके समर्थकों की बातों पर अविश्वास किया।नतीजतन 1989 के लोस चुनाव में कांग्रेस हार गई।
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मंगलवार को आयकर विभाग ने मुम्बई स्थित विन चड्ढ़ा के फ्लैट को 12 करोड ़2 लाख रुपए में नीलाम कर दिया।
बोफर्स दलाल दिवंगत विन चड्ढ़ा के परिजन ने इस नीलामी का विरोध तक नहीं किया।
आयकार न्यायाधीकरण ने 2010 में ही कह दिया था कि बोफर्स की दलाली के मद में 41 करोड़ रुपए क्वात्रोचि और विन चड्ढ़ा को मिले थे।
उस पर भारत सरकार का आयकर बनता है।
आयकर महकमे ने सूद के साथ विन चड्ढ़ा पर 224 करोड़ रुपए का दावा ठोका था।
इस आयकर की वसूली के लिए मन मोहन सरकार ने दस साल में कुछ नहीं किया।
यहां तक कि उस सरकार ने बोफर्स से संबंधित मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने तक नहीं दिया।
पर मोदी सरकार ने कदम उठाया और नीलामी भी हो गई।
इस नीलामी के साथ यह प्रचार गलत निकला कि बोफर्स सौदे में कोई दलाली नहीं ली गई थी।
याद रहे कि राजीव गांधी की सरकार के लोग लगातार क्वात्रोचि और विन चड्ढ़ा का बचाव करते रहे।मतदाताओं ने
राजीव गांधी व उनके समर्थकों की बातों पर अविश्वास किया।नतीजतन 1989 के लोस चुनाव में कांग्रेस हार गई।
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