गुरुवार, 7 नवंबर 2019

 दोहरा मापदंड
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राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसायटी से डा.कर्ण सिंह तथा अन्य कांग्रेसियों के निकाले जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
इससे पहले खुद गहलोत साहब ने राजस्थान में सत्ता संभालते ही पहले से जारी जेपी सेनानी पेंशन को बंद कर दिया।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने भी यही काम किया।
  यदि गहलोत को जय प्रकाश नारायण का नाम अच्छा नहीं लगता तो भाजपाइयों को नेहरू मेमोरियल में सिर्फ कांग्रेसियों का जमावड़ा अच्छा नहीं लगता।
30 एकड़ भूमि में स्थित नेहरू स्मारक यानी तीन मूत्र्ति भवन में यदि नेहरू सहित सभी पूर्व प्रधान मंत्रियों की स्मृतियां सहेजी जाएं तो देश के अधिकतर लोगों को अच्छा लगेगा।
पर, नेहरू-इंदिरा परिवार और कांग्रेस चाहते हैं कि 30 एकड़ पर सिर्फ एक ही परिवार का बौद्धिक कब्जा रहे।
  सत्ता में जो आएगा,वह अपनी नीतियों -रणनीतियों के अनुसार ही तो काम करेगा।
    

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