दिग्विजय सिंह ने बड़ी उम्मीद के साथ इसी साल 3300 किलोमीटर की नर्मदा यात्रा की थी।
पर,अब चुनाव का समय आया तो कांग्रेस उनका इस्तेमाल ही नहींं कर रही है।
दिग्गी राजा ने बड़ी पीड़ा के साथ कहा है कि ‘...कोई प्रचार नहीं।कोई भाषण नहीं।मेरे भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते हैं।मैं नहीं जाता।’
चिंता मत कीजिए।कांग्रेस का आपका इस्तेमाल करेगी।समय आने पर ।जब जाकिर नाइक जैसे लोगों को शांति दूत कहना होगा।तो आप ही तो काम आएंगे !
जब मुम्बई पर 2008 में हुए आतंकी हमले पर लिखित अजीज बर्नी की पुस्तक ‘आर. एस.एस. साजिश’ के विमोचन समारोह की अध्यक्षता करनी होगी तो आपका इस्तेमाल होगा।
जब बटाला हाउस इनकाउंटर को फर्जी बताना होगा।
जब करकरे का मामला उठाना होगा।
आप काम आएंगे।
अब वहां आपका क्या काम जहां मुस्लिम वोट सिर्फ साढ़े छह प्रतिशत ही है !
मणि शंकर जी तो कुछ दिन के लिए निलंबित भी हुए थे।आप तो एक दिन के लिए भी नहीं हुए।
इसके लिए उस दल का उपकार मानिए।
राजीव गांधी के प्रधान मंत्रित्वकाल में एक चर्चित राज्य मंत्री थे।
राष्ट्रपति जैल सिंह और वी.पी.सिंह के खिलाफ बयान देने के लिए उनका खूब इस्तेमाल हुआ था।
अब वे कहां हैं ? आप तो फिर भी किसी पद पर बने हुए हैं।
पर,अब चुनाव का समय आया तो कांग्रेस उनका इस्तेमाल ही नहींं कर रही है।
दिग्गी राजा ने बड़ी पीड़ा के साथ कहा है कि ‘...कोई प्रचार नहीं।कोई भाषण नहीं।मेरे भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते हैं।मैं नहीं जाता।’
चिंता मत कीजिए।कांग्रेस का आपका इस्तेमाल करेगी।समय आने पर ।जब जाकिर नाइक जैसे लोगों को शांति दूत कहना होगा।तो आप ही तो काम आएंगे !
जब मुम्बई पर 2008 में हुए आतंकी हमले पर लिखित अजीज बर्नी की पुस्तक ‘आर. एस.एस. साजिश’ के विमोचन समारोह की अध्यक्षता करनी होगी तो आपका इस्तेमाल होगा।
जब बटाला हाउस इनकाउंटर को फर्जी बताना होगा।
जब करकरे का मामला उठाना होगा।
आप काम आएंगे।
अब वहां आपका क्या काम जहां मुस्लिम वोट सिर्फ साढ़े छह प्रतिशत ही है !
मणि शंकर जी तो कुछ दिन के लिए निलंबित भी हुए थे।आप तो एक दिन के लिए भी नहीं हुए।
इसके लिए उस दल का उपकार मानिए।
राजीव गांधी के प्रधान मंत्रित्वकाल में एक चर्चित राज्य मंत्री थे।
राष्ट्रपति जैल सिंह और वी.पी.सिंह के खिलाफ बयान देने के लिए उनका खूब इस्तेमाल हुआ था।
अब वे कहां हैं ? आप तो फिर भी किसी पद पर बने हुए हैं।
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