गांव में मेरे बचपन में मेरे परिजन व लोगबाग दूध के लिए गो रस तो कभी दूध बोलते थे।पर इलाहाबाद के लिए तो सिर्फ ‘प्रयाग राज’ ही बोलते थे।
पचास के दशक में मेरी बुआ संगम स्नान कर लौटी थीं।
उस स्थान की वह जब भी चर्चा करती थीं,प्रयाग राज ही बोलती थीं।
मैंने भी इलाहाबाद शब्द तो बाद में जाना था।
यानी बिहार के गांवों में भी इलाहाबाद को लोग प्रयाग या प्रयाग राज ही कहते थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदल कर सही काम किया है।पर, उसे यह काम चुनाव की पूर्व संध्या पर नहीं करना चाहिए था।
योगी जी 2017 में जैसे ही सत्ता में आए तभी उन्हें यह काम कर देना चाहिए था।
पचास के दशक में मेरी बुआ संगम स्नान कर लौटी थीं।
उस स्थान की वह जब भी चर्चा करती थीं,प्रयाग राज ही बोलती थीं।
मैंने भी इलाहाबाद शब्द तो बाद में जाना था।
यानी बिहार के गांवों में भी इलाहाबाद को लोग प्रयाग या प्रयाग राज ही कहते थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदल कर सही काम किया है।पर, उसे यह काम चुनाव की पूर्व संध्या पर नहीं करना चाहिए था।
योगी जी 2017 में जैसे ही सत्ता में आए तभी उन्हें यह काम कर देना चाहिए था।
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