गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018

कहीं पढ़ा था कि बादशाह अकबर रोज गंगा जल पीता था।
अंग्रेजों के भारत छोड़ने के कुछ समय बाद तक भी गंगा निर्मल व अविरल रही।
बचपन में मैं परिवार के साथ गंगा नहाने जाता था।
गंगा किनारे घुटने तक पानी में खड़े होकर मैं साफ-साफ अपने पैरों की अंगुलियां देख सकता था।
पर बाद के वर्षों में बराज,हाइड्रो प्रोजेक्ट और नहर बना कर औषधीय गुणों वाली गंगा को बर्बाद कर दिया गया।
प्रदूषण के कई अन्य कारण भी रहे। 
 अत्यंत गुणकारी जल वाली ऐसी नदी यदि किसी अन्य देश के पास होती तो न जाने वह कितना संभाल कर इसे रखता !

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