शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018

डा.राम मनोहर लोहिया की याद में
उनके बारे में कुछ बातें
------------------
1.-सन 1967 में 12 अक्तूबर को डा.लोहिया का निधन हो गया।
दिल्ली के वेलिंगटन अस्पताल में उनके प्रोस्टेट का आपरेशन विफल रहा था।डाक्टरों की लापारवाही सामने आई थी।
अदम्य स्वंतत्रता सेनानी व समाजवादी विचारक डा.राम मनोहर लोहिया अपना आपरेशन जर्मनी में करवाना चाहते थे,पर समय पर पैसे का जुगाड़ नहीं हो सका था।
तब बिहार सहित कई राज्यों की सरकारों में उनके दल के मंत्री थे।लोहिया अपने दल के सर्वोच्च नेता थे।
पर,उन्होंने कह रखा था कि मेरे आपरेशन के लिए चंदा वहां से नहीं आएगा जिन राज्यों में हमारी पार्टी यानी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के मंत्री हैं।मात्र 12 हजार रुपए का प्रबंध करना था।
2.-लोहिया ने कहा था कि राजनीति में रहने वालों को अपना परिवार खड़ा नहीं करना चाहिए ।
वे खुद कंुवारे रहे।
3.-उनका कोई बैंक खाता नहीं था।न ही उन्होंने अपना कोई मकान बनाया और न अपने लिए कार खरीदी।
4.-पर जब लोक सभा में बोलने के लिए खड़ा होते थे सत्ताधारी बेंच सहम जाता था।
5.-उत्तर प्रदेश में मारवाड़ी पिछड़े समुदाय में नहीं आते।फिर भी लोहिया ने नारा दिया,‘पिछड़े पावें सौ में साठ।’
6.-जर्मनी से पीएच.डी.व कई पुस्तकों के लेखक लोहिया का आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा  योगदान था।
7.-लोहिया रिक्शे की सवारी नहीं करते थे।कहते थे कि आदमी को आदमी खींचता है,यह ठीक नहीं।
वे यदाकदा जरूरत पड़ने पर साइकिल की पिछली सीट पर बैठकर भी एक जगह से दूसरी जगह जाते थे।
8.-साठ के दशक में रांची में उनकी पार्टी की बैठक थी।एक कार्यकत्र्ता के बारे में उन्हें सूचना मिली कि वह शराब बेचता है।उन्होंने उसे बुलाया।पूछा,शराब बेचते हो ?
उसने हां कहा ।कहा कि मेरा भोजनालय है जिसमें शराब भी बिकती है।
लोहिया ने कहा कि यदि हमारी पार्टी में रहना हो तो शराब की दुकान बंद करके आओ।उस कार्यकत्र्ता ने शराब बेचनी बंद कर दी। 
9.-सामान्य व्यक्ति लोहिया नहीं बन सकता।जरूरत भी नहीं।
पर जो देश सेवा के नाम पर राजनीति में जाते हैं,उन्हें लोहिया के आदर्श पर चलने की कम से कम कोशिश तो करनी चाहिए।अन्यथा, वे लोहिया का जन्म दिन व पुण्यतिथि नाहक मनाते हैं। 



कोई टिप्पणी नहीं: