शनिवार, 6 अक्टूबर 2018

जाबिर हुसेन के कविता संग्रह 
‘कातर आंखों ने देखा’ से
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मैं यहीं हूं
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मरने से ठीक पहले
मैंने 
कलम मांगी
कागज मांगा

अपने हाथों से 
कागज के 
ऊपरी हिस्से में
बड़े अक्षरों में
साफ साफ 
लिक्खा-
मैं यहीं हूं
कोई 
भूल से भी 
ये न कहे 
मैं नहीं रहा !

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