जाबिर हुसेन के कविता संग्रह
‘कातर आंखों ने देखा’ से
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मैं यहीं हूं
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मरने से ठीक पहले
मैंने
कलम मांगी
कागज मांगा
अपने हाथों से
कागज के
ऊपरी हिस्से में
बड़े अक्षरों में
साफ साफ
लिक्खा-
मैं यहीं हूं
कोई
भूल से भी
ये न कहे
मैं नहीं रहा !
‘कातर आंखों ने देखा’ से
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मैं यहीं हूं
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मरने से ठीक पहले
मैंने
कलम मांगी
कागज मांगा
अपने हाथों से
कागज के
ऊपरी हिस्से में
बड़े अक्षरों में
साफ साफ
लिक्खा-
मैं यहीं हूं
कोई
भूल से भी
ये न कहे
मैं नहीं रहा !
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