बुधवार, 9 अक्तूबर 2019

यह बहुत बड़ी गलत फहमी है कि राम विलास,लालू और नीतीश कुमार संपूर्ण क्रांति की उपज थे।
संपूर्ण क्रांति आंदोलन ने मोरारजी देसाई को प्रधान मंत्री और कर्पूरी ठाकुर को बिहार का मुख्य मंत्री बनाया था।
क्या मोरारजी ,इंदिरा गांधी से और कर्पूरी ठाकुर जगन्नाथ
मिश्र से बदतर थे ?
  संपूर्ण क्रांति ने राम विलास और लालू को सिर्फ एम.पी बनाया।
 कोशिश के बावजूद केंद्र में ये दोनों केंद्र में राज्य मंत्री तक नहीं बन सके थे।
नीतीश तो 1977 में विधायक भी नहीं बन सके थे।
विवादास्पद ‘भूमि सेना’ के समर्थक उम्मीदवार से हार गए थे।
यदि जेपी आंदोलन नहीं भी हुआ होता,तौभी राम विलास,लालू और नीतीश देर -सवेर सांसद-विधायक बन ही गए होते।
राम विलास तो 1969 में भी विधायक थे।
लालू -नीतीश की भी समाजवादी आंदोलन की पृष्ठभूमि पहले से थी।
  दरअसल राम विलास पासवान,लालू प्रसाद और नीतीश कुमार बोफर्स और मंडल अभियान की उपज थे।
उसी की पृष्ठभूमि में हुए 1989 के लोस चुनाव के बाद ये लोग सत्ता में आए और देश-राज्य को बनाने या बिगाड़ने की निर्णायक स्थिति में आए।

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