शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

कभी -कभी जब मैं किसी बात पर अटकता था तो रविरंजन बाबू को फोन करता था।
वे बिहार की राजनीति के बारे में काफी जानकारी रखते थे।
वे संभवतः सबसे पुराने सक्रिय पत्रकार थे।
हाल में तो फेसबुक ने हमलोगों को उनसे जोड़ा था।
उनके प्रति पत्रकारों में भी आदर का भाव रहा।
वे कभी विवादों में नहीं रहे।
संवाद संकलन के लिए कई बार उनके साथ राज्य के भ्रमण का अवसर मुझे मिला था।
वे किसी के प्रति पूर्वाग्रहग्रस्त भी नहीं थे ।
  वे याद आएंगे।
उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !

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