शनिवार, 26 अक्तूबर 2019

हाल के चुनाव नतीजों ने एक बार फिर यह साफ कर दिया 
कि अपवादों को छोड़कर देश के कुछ नामी भ्रष्ट नेताओं का, उनकी जातियों  के अधिकतर मतदातागण अब भी साथ दे रहे हैं।
  लोकतंत्र की इस चिंताजनक स्थिति पर उन जातियों की नई पीढ़ी को ध्यान देना चाहिए।
  यदि ऐसा ही चलता रहा तो उन जातियों की नई पीढ़ी के लिए भी कुछ नहीं बचेगा।

  

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