रविवार, 27 अक्तूबर 2019

छपरा के एक सम्मानित बुजुर्ग से फोन पर अभी -अभी मेरी बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नल जल योजना को 
लेकर लोगबाग निराश हो रहे हैं।
आगे -आगे नल लग रहे हैं और वे  पीछे -पीछे टूटते भी जा रहे हैं।
  काफी कमजोर नल लग रहे हैं।
ऊपर का कोई अधिकारी देखने वाला नहीं है।
  उनकी दूसरी शिकायत जानवारों द्वारा फसल की बर्बादी को लेकर है।
 गांवों में नीलगाय,जंगली सूअर और बंदर के उत्पात के कारण किसानों ने कुछ खास तरह की फसल बोना ही बंद कर दिया।
  बजुर्ग ने कहा कि मेरी  नीतीश कुमार से पूरी सहानुभूति है।
मैं यह भी नहीं चाहता कि फिर से बिहार में जंगल राज आए।
पर,इस बीच 2005 के बाद एक पीढ़ी  जवान हो गई है।उसने तो जंंगल राज न देखा और न भोगा।
कहीं ऐसा न हो कि नल -जल योजना में लूट के कारण राजग की हवा बिगड़ जाए ! 
 हालांकि  अब भी संभलने का समय है।

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