पाक से लौटना पड़ा था सज्जाद जहीर को
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सज्जाद जहीर उत्तर प्रदेश के एक अच्छे खानदान से आते थे।
उनके पिता न्यायाधीश थे।
फिर भी उन्होंने संघर्ष का जीवन अपनाया।
आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।
कम्युनिस्ट बने।
प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना की।
भारत के बंटवारे के बाद सी.पी.आई.ने इस प्रमुख कम्युनिस्ट नेता सज्जाद जहीर को पाकिस्तान भेजा ताकि वहां बेहतर ढंग से पार्टी का काम हो सके।
पर, वहां जाकर जहीर को निराशा हुई।
वहां उनके काम करने का कोई माहौल ही नहीं था।
उन्हें 1951 में पाक सरकार ने जेल में डाल दिया।
किसी तरह छूटे और प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की मदद से 1954 में भारत लौट आए।
1973 में उनका निधन हो गया।
याद रहे कि फिल्म अभिनेता राज बब्बर की पहली शादी सज्जाद जहीर की बेटी नादिरा से हुई।
यानी नादिरा का जन्म एक ऐसे सेक्युलर व प्रगतिशील माहौल में हुआ था कि उन्हें राज बब्बर से शादी करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
ऐसे सेक्युलर नेता की पाकिस्तान में भला क्या जरूरत !!
7 जनवरी 2020
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सज्जाद जहीर उत्तर प्रदेश के एक अच्छे खानदान से आते थे।
उनके पिता न्यायाधीश थे।
फिर भी उन्होंने संघर्ष का जीवन अपनाया।
आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।
कम्युनिस्ट बने।
प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना की।
भारत के बंटवारे के बाद सी.पी.आई.ने इस प्रमुख कम्युनिस्ट नेता सज्जाद जहीर को पाकिस्तान भेजा ताकि वहां बेहतर ढंग से पार्टी का काम हो सके।
पर, वहां जाकर जहीर को निराशा हुई।
वहां उनके काम करने का कोई माहौल ही नहीं था।
उन्हें 1951 में पाक सरकार ने जेल में डाल दिया।
किसी तरह छूटे और प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की मदद से 1954 में भारत लौट आए।
1973 में उनका निधन हो गया।
याद रहे कि फिल्म अभिनेता राज बब्बर की पहली शादी सज्जाद जहीर की बेटी नादिरा से हुई।
यानी नादिरा का जन्म एक ऐसे सेक्युलर व प्रगतिशील माहौल में हुआ था कि उन्हें राज बब्बर से शादी करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
ऐसे सेक्युलर नेता की पाकिस्तान में भला क्या जरूरत !!
7 जनवरी 2020
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