शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

  जिस देश में एक सांसद के इधर से उधर हो जाने पर
केंद्र सरकार गिर जाती है।
सन 1999 में अटल सरकार एक वोट से गिर गई थी।
  वहां अब कई लोक सभा चुनाव क्षेत्रों की हालत ऐसी बना दी गई है जहां का चुनाव परिणाम बंगलादेशी घुसपैठिए तय करते हैं।ऐसा ही रहा तो ऐसे चुनाव क्षेत्रों की संख्या बढ़ सकती है।
  इसके बावजूद हारा हुआ प्रतिपक्ष राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनने नहीं दे रहा है।
और, भारी बहुमत से चुनी हुई सरकार बेबस नजर आ रही है।
नागरिक रजिस्टर बंगला देश में भी है और पाक में भी।
पर यहां इसलिए रजिस्टर नहीं होगा क्योंकि इस देश के साथ कुछ लोगों को अभी कुछ खास सलूक करना है।
उनके अनुसार यह देश नहीं धर्मशाला है।
  इस देश का भगवान ही मालिक है।
   नब्बे के दशक में पूर्वोत्तर बिहार के एक लोक सभा उम्मीदवार 
के साथ उसके चुनाव क्षेत्र में मैं भ्रमण कर रहा था।तब मैं ‘जनसत्ता’ में था।
 खेतों में ताजी फूस से बनी झोपडि़यों से हम गुजर रहे थे।
अनगिनत झोपडि़यां थीं।
उनमें बंगला देशी घुसपैठियों को लाकर बसाया गया था।
सेक्युलर दल का उम्मीदवार घूम -घूम कर उनसे सिर्फ यही कह रहा था कि ‘‘आप लोग चिंता मत कीजिए।यहां से आपको कोई नहीं भगाएगा।’
---सुरेंद्र किशोर--10 जनवरी 2020
   

   

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