रविवार, 26 जनवरी 2020

संदर्भ-
शाहीन बाग में दीपक चैरसिया पर 
आंदोलनकारियों की ओर से हमला
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शाहीन बाग में पत्रकारों के साथ जो हुआ, वह बेहद शर्मनाक है।
आपको किसी से बात करनी है, कीजिए,
न करनी हो,न कीजिए,
पर आपके बीच पहंुचे एक पत्रकार को अपना काम करने से भला कैसे रोक सकते हैं ?
       --समीर अब्बास,दैनिक जागरण-26 जन. 20

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