‘‘धर्मशाला’’ बन जाने से इस देश
को आखिर कौन बचाएगा ? !!
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1.-पाक में श्री ननकाना साहिब पर हमला,सिखों को पीटा।
----दैनिक जागरण,
4 जनवरी 2020
टिप्पणी--इस घटना ने संशोधित नागरिक कानून,
2019 की उपयोगिता एक बार फिर साबित कर दी।
.................................................
2.-नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिंसा में
पाॅपुलर फं्रट आॅफ इंडिया शामिल।
--रविशंकर प्रसाद
प्रभात खबर-2 जनवरी 2020
टिप्पणी--यानी इस संगठन ने भारत में अघोषित रूप
से जेहाद छेड़ दिया है।
भारत सरकार को चाहिए कि वह भी इसे युद्ध के रूप में ही स्वीकार करे न कि सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या के
रूप में।
अन्यथा, पहले सरकार व बाद में जनता पछताएगी।
ध्यान रहे कि पी.एफ.आई. के गठनकत्र्ताओं के मूल संगठन सिमी का यह घोषित लक्ष्य रहा है कि हम हथियार के बल पर भारत में इस्लामिक शासन कायम करेंगे।
...................................................................
3.-राष्टीय जांच एजेसी के अनुसार 2013 में केरल के कन्नूर में पी.एफ.आई. और एस.डी.एफ.आई.ने युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देने के लिए शिविर लगाया था।
दैनिक जागरण
- 2 जनवरी 2020
टिप्पणी--पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पी.एफ.आई.से जुड़े महिला संगठन के समारोह में शामिल हो चुके हैं।
दूसरी ओर कर्नाटका में एस.डी.एफ.आई. से चुनावी तालमेल कर कांग्रेस चुनावी लाभ उठा चुकी है।
क्या अंसारी व कांग्रेस उसके लिए देश से माफी मांगेंगे ?
.............................................................
4.- संशोधित नागरिक कानून पर पुनर्विचार की कोई संभावना नहीं है।सीएए पर सभी पार्टियां एक हो जाएं तब भी भाजपा एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी।
-- गृह मंत्री अमित शाह,
हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण
-4 जनवरी 2020
टिप्पणी--यह तो ठीक है।
गैर मुस्लिम शरणार्थियों को यहां नागरिकता देने का वायदा तो पिछली कांग्रेसी सरकारें भी कर चुकी हैं।
पर मोदी सरकार से यह उम्मीद है कि वह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर भी कोई समझौता नहीं करे अन्यथा वोटलोलुपों की मदद से यह देश देर-सवेर धर्मशाला बन जाएगा।
पहले ही करीब एक दर्जन जिलों की हालत वैसी हो रही है।
क्या मोदी सरकार इस देश को धर्मशाला बनाने के लिए सत्ता में आई है ?
सुरेंद्र किशोर--4 जनवरी 2020
को आखिर कौन बचाएगा ? !!
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1.-पाक में श्री ननकाना साहिब पर हमला,सिखों को पीटा।
----दैनिक जागरण,
4 जनवरी 2020
टिप्पणी--इस घटना ने संशोधित नागरिक कानून,
2019 की उपयोगिता एक बार फिर साबित कर दी।
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2.-नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हुई हिंसा में
पाॅपुलर फं्रट आॅफ इंडिया शामिल।
--रविशंकर प्रसाद
प्रभात खबर-2 जनवरी 2020
टिप्पणी--यानी इस संगठन ने भारत में अघोषित रूप
से जेहाद छेड़ दिया है।
भारत सरकार को चाहिए कि वह भी इसे युद्ध के रूप में ही स्वीकार करे न कि सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या के
रूप में।
अन्यथा, पहले सरकार व बाद में जनता पछताएगी।
ध्यान रहे कि पी.एफ.आई. के गठनकत्र्ताओं के मूल संगठन सिमी का यह घोषित लक्ष्य रहा है कि हम हथियार के बल पर भारत में इस्लामिक शासन कायम करेंगे।
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3.-राष्टीय जांच एजेसी के अनुसार 2013 में केरल के कन्नूर में पी.एफ.आई. और एस.डी.एफ.आई.ने युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देने के लिए शिविर लगाया था।
दैनिक जागरण
- 2 जनवरी 2020
टिप्पणी--पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पी.एफ.आई.से जुड़े महिला संगठन के समारोह में शामिल हो चुके हैं।
दूसरी ओर कर्नाटका में एस.डी.एफ.आई. से चुनावी तालमेल कर कांग्रेस चुनावी लाभ उठा चुकी है।
क्या अंसारी व कांग्रेस उसके लिए देश से माफी मांगेंगे ?
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4.- संशोधित नागरिक कानून पर पुनर्विचार की कोई संभावना नहीं है।सीएए पर सभी पार्टियां एक हो जाएं तब भी भाजपा एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी।
-- गृह मंत्री अमित शाह,
हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण
-4 जनवरी 2020
टिप्पणी--यह तो ठीक है।
गैर मुस्लिम शरणार्थियों को यहां नागरिकता देने का वायदा तो पिछली कांग्रेसी सरकारें भी कर चुकी हैं।
पर मोदी सरकार से यह उम्मीद है कि वह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर भी कोई समझौता नहीं करे अन्यथा वोटलोलुपों की मदद से यह देश देर-सवेर धर्मशाला बन जाएगा।
पहले ही करीब एक दर्जन जिलों की हालत वैसी हो रही है।
क्या मोदी सरकार इस देश को धर्मशाला बनाने के लिए सत्ता में आई है ?
सुरेंद्र किशोर--4 जनवरी 2020
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