मेरे गांव में अब
आॅप्टिकल फाइबर के जरिए जल्द ही
लैंड लाइन,नेट,टी.वी.चैनल,सुरक्षा सिस्टम आदि
की सुविधाएं मिलंेगी
....................................
मेरे तकनीकी मार्ग दर्शक व फोटो जर्नलिस्ट विक्रम कुमार
वर्षों से आॅप्टिकल फाइबर के जरिए इन सुविधाओं की आहट मुझे देते रहे थे।
अब साकार हो रहा है।
वह भी गांव-गांव तक !
सुखद आश्चर्य ! !
...................................
अब हम चाहेंगे तो हमारे घर के सी.सी.टी.वी.कैमरे स्मार्ट फोन से जुड़ जाएंगे
........................................
फोन में आवाज बीच में कटेगी नहीं।
स्पष्ट होगी।
........................
मोबाइल वाले रेडिएशन का खतरा लैंड लाइन में नहीं रहेगा।
नेट की स्पीड काफी बढ़ जाएगी।
एक घर में तीन टी.वी.सेट को केबुल कनेक्शन मिलेंगे।
पिक्चर साफ रहेगी।
केबल आपरेटर के अनुसार दो -तीन दिनों में सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।
यह कहानी तो पटना एम्स के पास वाले मेरे गांव की है।
सुनते हैं कि सारण जिले के मेरे पुश्तैनी गांव में भी यह सेवा पहुंचने में अब देर नहीं लगेगी।यानी राज्य के अन्य गांवों में भी सुविधा मिलेगी।
शहर से भागने का नुकसान कम होगा।
शहर ही आपके पास पहुंच रहा है।
करीब पांच साल पहले जब मैंने मुख्य पटना को छोड़कर
कोरजी गांव आया था तो कुल मिलाकर यह सिर्फ गांव ही गांव था।
पर, एक -एक कर अब ऐसी सुविधाएं आती जा रही हंै जो जीवन आसान करती जाएंगी।
मेरे घर से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित पटना एम्स 2016 में चालू हो गया।
इस गांव में एक अपार्टमेंट बन गया।
लोग रहने लगे।
मशहूर जयपुरिया स्कूल यहां स्थापित हो गया।
अब आॅप्टिकल फाइबर के आगमन का इंतजार है !!
पास में ही आर्यभट्ट का जन्म स्थान है।
यह सब उनको शानदार श्रद्धांजलि है।
.......................
--सुरेंद्र किशोर --13 फरवरी 2020
आॅप्टिकल फाइबर के जरिए जल्द ही
लैंड लाइन,नेट,टी.वी.चैनल,सुरक्षा सिस्टम आदि
की सुविधाएं मिलंेगी
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मेरे तकनीकी मार्ग दर्शक व फोटो जर्नलिस्ट विक्रम कुमार
वर्षों से आॅप्टिकल फाइबर के जरिए इन सुविधाओं की आहट मुझे देते रहे थे।
अब साकार हो रहा है।
वह भी गांव-गांव तक !
सुखद आश्चर्य ! !
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अब हम चाहेंगे तो हमारे घर के सी.सी.टी.वी.कैमरे स्मार्ट फोन से जुड़ जाएंगे
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फोन में आवाज बीच में कटेगी नहीं।
स्पष्ट होगी।
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मोबाइल वाले रेडिएशन का खतरा लैंड लाइन में नहीं रहेगा।
नेट की स्पीड काफी बढ़ जाएगी।
एक घर में तीन टी.वी.सेट को केबुल कनेक्शन मिलेंगे।
पिक्चर साफ रहेगी।
केबल आपरेटर के अनुसार दो -तीन दिनों में सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।
यह कहानी तो पटना एम्स के पास वाले मेरे गांव की है।
सुनते हैं कि सारण जिले के मेरे पुश्तैनी गांव में भी यह सेवा पहुंचने में अब देर नहीं लगेगी।यानी राज्य के अन्य गांवों में भी सुविधा मिलेगी।
शहर से भागने का नुकसान कम होगा।
शहर ही आपके पास पहुंच रहा है।
करीब पांच साल पहले जब मैंने मुख्य पटना को छोड़कर
कोरजी गांव आया था तो कुल मिलाकर यह सिर्फ गांव ही गांव था।
पर, एक -एक कर अब ऐसी सुविधाएं आती जा रही हंै जो जीवन आसान करती जाएंगी।
मेरे घर से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित पटना एम्स 2016 में चालू हो गया।
इस गांव में एक अपार्टमेंट बन गया।
लोग रहने लगे।
मशहूर जयपुरिया स्कूल यहां स्थापित हो गया।
अब आॅप्टिकल फाइबर के आगमन का इंतजार है !!
पास में ही आर्यभट्ट का जन्म स्थान है।
यह सब उनको शानदार श्रद्धांजलि है।
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--सुरेंद्र किशोर --13 फरवरी 2020
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