रविवार, 2 फ़रवरी 2020

नए ढंग के आंदोलन पर कैसा है लोगों का मन -मिजाज ?
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खबर है कि सरजमीन से जुड़ी हुई एक क्षेत्रीय सेक्युलर पार्टी के नेता लोग अब सीएए विरोधी आंदोलन में पहले जैसे उत्साह से बढ़ -चढ़कर शामिल नहीं होंगे।
  क्योंकि उन्हें  गांवों से अपनी कतार के एक हिस्से से भी यह खबर मिल रही है कि
यह आंदोलन इस्लामिक एजेंडा वाला है और इस्लामिक नारों के साथ चल रहा  है।
  वैसे मेरा मानना है कि दिल्ली विधान सभा के जो चुनाव क्षेत्र ग्रामीण इलाके में पड़ते हैं,वहां के नतीजों से देश के राजनीतिक मन-मिजाज का कुछ पता चलेगा।
दिल्ली के शहरी क्षेत्रों के आम लोगों के बीच में केजरीवाल सरकार ने काम किए हैं,ऐसा
एक से अधिक लोग कह रहे हैं।
...सुरेंद्र किशोर 
1 फरवरी 20


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