गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020

अवैध बांग्ला देशी और रोहिंग्या भारत के किसी भी कोने में आसानी से बस सकते हैंे।
लेकिन भारतीय नागरिक शाहीन बाग नहीं जा सकते।
यही सड़क पर पसरा सेक्युलरिज्म है।
    ----दिव्य कुमार सोती,
          दैनिक जागरण,
          6 फरवरी 2020

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