बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

   दिल्ली की जनता ‘आप’ को सिर्फ विधान
    सभा के ही ‘लायक’ क्यों मानती है ?
     ‘आप’ लोक सभा के लिए ‘नालायक’ क्यों ?
       --सुरेंद्र किशोर--
    सिर्फ नौ माह पहले लोक सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मात्र 18 प्रतिशत दिल्लीवासियों ने वोट दिए थे।
पर, हाल के विधान सभा चुनाव में ‘आप’ को करीब 54 प्रतिशत मत मिले।
  इससे पहले 2013 में भी लोगों ने अरविंद केजरीवाल को 
मुख्य मंत्री बनाया।
पर, कुछ ही महीने बाद हुए लोक सभा चुनाव में भाजपा को दिल्ली की सारी सीटें मिल गईं।
आगे के चुनावों में भी ऐसा ही होता रहेगा,ऐसे संकेत हैं।
 आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ?
दरअसल इन दिनों इस देश के खिलाफ अघोषित युद्ध जारी है।
उस युद्ध में इस देश के भी कुछ लोग विदेशी श्क्तियों के जाने- अनजाने मददगार बने हुए हंै।
स्थिति बहुत ही खतरनाक है जिसे कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा  छिपाने की कोशिश हो रही है।
 पर आम जनता इस स्थिति को समझ रही है।
इस पृष्ठभूमि में दिल्ली की जनता आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को लेकर ‘आप’ पर भरोसा नहीं कर सकती।
इस स्थिति से मोदी सरकार ही निपट सकती है।निपट भी रही है।पर उसके सामने देश के भीतर से ही भारी बाधाएं भी खड़ी की जा रही हैं।
यदि मोदी सरकार निपटने में अंततः विफल होगी तो इस देश में देर सवेर चीन जैसी सरकार बन जाने की आशंका है।
आपने भी देख ही लिया।
मनीष सिसोदिया ने शाहीन बाग का समर्थन कर दिया।
  केजरीवाल सरकार ने जेएनयू राष्ट्रद्रोह मुकदमे में अभियोजन चलाने की अनुमति आज तक नहीं दी।
पर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता के लिए ऐसे अच्छे -अच्छे काम किए जो अभूतपूर्व हैं।
आप के अधिकतर नेताओं ने भरसक निजी ईमानदारी भी बनाए रखी।
 दूसरी ओर, खबर है कि दिल्ली भाजपा में अपवादों को छोड़ कर ईमानदार व कत्र्तव्यनिष्ठ नेताओं -कार्यकत्र्ताओं की  कमी रही है।
लोगों के लिए स्कूल-अस्पताल को ठीक करने के लिए भी कठोर ईमानदारी चाहिए।
जिस दिन ‘आप’ अपना राष्ट्रद्रोही समर्थक रुझान छोड़ देगी,उस दिन दिल्ली की जनता यह समझ लेगी कि अब यह  दल भी लोक सभा में जाने लायक हो गया।
उधर यदि एम.सी.डी. में भाजपा ईमानदारी से काम करने लगेगी तो उसे दिल्ली विधान सभा ‘लायक’ भी समझा जा सकता है।
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12 फरवरी 2020
    
  

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