शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

विचारों में ऐसी भारी समरुपता के
 पीछे का क्या है रहस्य ? !!!!
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सुरेंद्र किशोर 
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 इस लोकतंत्र में एक खास संप्रदाय के करीब 90 
प्रतिशत लोग खास मुद्दे पर एक ही तरह से सोचते 
और करते हैं।
एक खास जाति के 95 प्रतिशत लोग खास मुद्दे पर 
एक ही तरह से सोचते और करते हैं।
और 
एक खास विचारधारा के 99 प्रतिशत लोग खास मुद्दे
पर एक ही तरह से सोचते और करते हैं।
किंतु
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देश में उन्हें ‘अपनी’ करने के लिए खुला-छुट्टा 
माहौल चाहिए।
सामाजिक न्याय के कार्यान्वयन के लिए सबका सहयोग -सौहार्द चाहिए।
और
 संविधान के नाम पर वाणी की बेलगाम स्वतंत्रता 
भी चाहिए।
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अरे भई, बहुसंख्य आबादी को नाराज करके यह सब कब तक चला पाओगे ?  
---13 फरवरी 2020

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