‘‘ताजा तरीन किताब है वी.पी.मेनन, द अनसंग आर्किटेक्ट
आॅफ माडर्न इंडिया।
उसे उनकी पोती नारायणी बसु ने लिखा है।
इसमें तमाम दस्तावेजी प्रमाणों के साथ कहा गया है कि
नेहरू ने पटेल को पहली कैबिनेट के सदस्यों की सूची से बाहर रखा था।
वह इस पर तब राजी हुए, जब माउंटबेटन ने हस्तक्षेप किया।’’
--शेखर गुप्त ,दैनिक भास्कर 11 फरवरी 2020
मैंने कहीं पढ़ा था कि महात्मा गांधी की सिफारिश के बावजूद नेहरू राज कुमारी अमृत कौर को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए तैयार नहीं थे।
बाद में गांधी ने नेहरू को मनाया।
राजेंद्र प्रसाद पहले मंत्रिमंडल में थे।
पर नेहरू को यह पसंद नहीं था।
उन्होंने गांधी से शिकायत करके उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिलवा दिया था।
यह बात संभवतः नेहरू के निजी सचिव एम.ओ.मथाई ने लिखी है।
--सुरेंद्र किशोर ,11 फरवरी 2020
आॅफ माडर्न इंडिया।
उसे उनकी पोती नारायणी बसु ने लिखा है।
इसमें तमाम दस्तावेजी प्रमाणों के साथ कहा गया है कि
नेहरू ने पटेल को पहली कैबिनेट के सदस्यों की सूची से बाहर रखा था।
वह इस पर तब राजी हुए, जब माउंटबेटन ने हस्तक्षेप किया।’’
--शेखर गुप्त ,दैनिक भास्कर 11 फरवरी 2020
मैंने कहीं पढ़ा था कि महात्मा गांधी की सिफारिश के बावजूद नेहरू राज कुमारी अमृत कौर को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए तैयार नहीं थे।
बाद में गांधी ने नेहरू को मनाया।
राजेंद्र प्रसाद पहले मंत्रिमंडल में थे।
पर नेहरू को यह पसंद नहीं था।
उन्होंने गांधी से शिकायत करके उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिलवा दिया था।
यह बात संभवतः नेहरू के निजी सचिव एम.ओ.मथाई ने लिखी है।
--सुरेंद्र किशोर ,11 फरवरी 2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें