भाजपा सबक ले सकती है
....................................
सन 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि
कांग्रेस पार्टी ‘आप’ से सबक लेगी।
पर, उन्हें न तो कोई शिक्षा लेनी थी, न ली।
शिक्षा लेने में उनका ही नुकसान है।
कई कारणों से कांग्रेस ने खुद को सुधारने की क्षमता बहुत पहले ही खो दी।
कांग्रेस की राजनीति को सेवा की राजनीति बना देना कोई आसान काम है क्या ?
खैर, भाजपा तो सबक ले ही सकती है।
क्योंकि भाजपा में भ्रष्टाचारी अपेक्षाकृत कम हैं।
महा घोटालेबाज तो नजर ही नहीं आते जिस तरह मन मोहन राज में आते थे।
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने सिर्फ चेहरा देख कर नहीं जिताया है।
उनकी मंशा और सेवा के क्षेत्र में उनकी सरकार की उपलब्धि को देख कर तीसरी बार जिताया है।
जिस तरह देश की जनता
नरेंद्र मोदी की मंशा को सही मानती है।
यदि भाजपा की राज्य सरकारें केजरीवाल सरकार की तरह ही अपनंे यहां के कम से कम स्कूलों व अस्पतालों के क्षेत्र में बेहतर काम करे तो उसके लिए अब कोई ‘‘झारखंड’’ नहीं दुहराएगा।
आश्चर्य है कि पटना में बैठ कर हम तो लगातार रघुबर सरकार की गड़बडियों के बारे में सुनते रहे,पर भाजपा हाईकमान को भनक तक नहीं लगी !! ?
उसका निगरानी तंत्र कमजोर है।
केजरीवाल सरकार के देशद्रोही जैसे दो कामों के बावजूद लोगों ने यदि ‘आप’ को जिताया तो इसलिए कि सेवा-कल्याण-विकास क्षेत्र में उसके काम लाजवाब रहे ।
लोगों ने देखा कि भाजपा या कांग्रेस में ऐसे ईमानदार नेता कार्यकत्र्ता की भारी कमी है जो सेवा व कल्याण-विकास के क्षेत्र में ‘आप’ का मुकाबला कर सकंे।
सत्ता में आने के बाद जो खुद अपना घर भरने में लग जाएगा,वह संेवा क्या खाक करेगा !!
............................
‘आप’ के राष्ट्रद्रोही जैसे काम
..........................
1.-मनीष सिसोदिया ने खुद स्वीकारा है कि हमारे चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं ने मुझसे सवाल किया कि आपने शाहीनबाग का समर्थन क्यों किया ?आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था।
2.-फरवरी, 2016 में जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारों के मामले में दिल्ली पुलिस ने तो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया,किंतु केजरीवाल सरकार ने आज तक अभियोजन चलाने की अनुमति तक नहीं दी।
. --सुरेंद्र किशोर--11 फरवरी 2020
़
....................................
सन 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि
कांग्रेस पार्टी ‘आप’ से सबक लेगी।
पर, उन्हें न तो कोई शिक्षा लेनी थी, न ली।
शिक्षा लेने में उनका ही नुकसान है।
कई कारणों से कांग्रेस ने खुद को सुधारने की क्षमता बहुत पहले ही खो दी।
कांग्रेस की राजनीति को सेवा की राजनीति बना देना कोई आसान काम है क्या ?
खैर, भाजपा तो सबक ले ही सकती है।
क्योंकि भाजपा में भ्रष्टाचारी अपेक्षाकृत कम हैं।
महा घोटालेबाज तो नजर ही नहीं आते जिस तरह मन मोहन राज में आते थे।
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने सिर्फ चेहरा देख कर नहीं जिताया है।
उनकी मंशा और सेवा के क्षेत्र में उनकी सरकार की उपलब्धि को देख कर तीसरी बार जिताया है।
जिस तरह देश की जनता
नरेंद्र मोदी की मंशा को सही मानती है।
यदि भाजपा की राज्य सरकारें केजरीवाल सरकार की तरह ही अपनंे यहां के कम से कम स्कूलों व अस्पतालों के क्षेत्र में बेहतर काम करे तो उसके लिए अब कोई ‘‘झारखंड’’ नहीं दुहराएगा।
आश्चर्य है कि पटना में बैठ कर हम तो लगातार रघुबर सरकार की गड़बडियों के बारे में सुनते रहे,पर भाजपा हाईकमान को भनक तक नहीं लगी !! ?
उसका निगरानी तंत्र कमजोर है।
केजरीवाल सरकार के देशद्रोही जैसे दो कामों के बावजूद लोगों ने यदि ‘आप’ को जिताया तो इसलिए कि सेवा-कल्याण-विकास क्षेत्र में उसके काम लाजवाब रहे ।
लोगों ने देखा कि भाजपा या कांग्रेस में ऐसे ईमानदार नेता कार्यकत्र्ता की भारी कमी है जो सेवा व कल्याण-विकास के क्षेत्र में ‘आप’ का मुकाबला कर सकंे।
सत्ता में आने के बाद जो खुद अपना घर भरने में लग जाएगा,वह संेवा क्या खाक करेगा !!
............................
‘आप’ के राष्ट्रद्रोही जैसे काम
..........................
1.-मनीष सिसोदिया ने खुद स्वीकारा है कि हमारे चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं ने मुझसे सवाल किया कि आपने शाहीनबाग का समर्थन क्यों किया ?आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था।
2.-फरवरी, 2016 में जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारों के मामले में दिल्ली पुलिस ने तो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया,किंतु केजरीवाल सरकार ने आज तक अभियोजन चलाने की अनुमति तक नहीं दी।
. --सुरेंद्र किशोर--11 फरवरी 2020
़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें