मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020

कई नेहरू भक्त इन दिनों यह लगातार लिख रहे हैं कि नेहरू का पटेल से बहुत अच्छा संबंध था।
  उनक पास इस बात का क्या जवाब है कि नेहरू पटेल को अपने मंत्रिमंडल से भी दूर रखना चाहते थे ?
   गांधी जी ने 20 अप्रैल 1946 को ही यह साफ कर दिया था कि जवाहर लाल प्रधान मंत्री होंगे।
इसके बावजूद 29 अप्रैल को 15 में से 12 प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पटेल के पक्ष में राय भेजी।
तय था कि कांगेस अध्यक्ष को ही सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
   गांधी ने पटेल से कहा कि आप अपना दावा छोड़ दीजिए।
उन्होंने छोड़ दिया।
गांधी ने जवाहर लाल को अध्यक्ष बनवा दिया।
गवर्नर जनरल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया।  
यही लोकतंत्र था गांधी-नेहरू का !!!
सुरेंद्र किशोर--11 फरवरी 2020 

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