शरद द्वय-अपनी अपनी वैतरणी !
--सुरेंद्र किशोर--
एक शरद महाराष्ट्र की अपनी सरकार बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
दूसरे शरद बिहार में अपने मन की सरकार बनवाने की अति महत्वाकांक्षी योजना की सफलता के लिए प्रयत्नशील हैं।
दोनों शरद यानी शरद पवार और शरद यादव के बारे में
एक खास बात कही जाती है।
एक बार लालू प्रसाद ने मीडिया से कहा था कि शरद यादव को समझने में आपको सौ साल लगेंगे।
पिछले दिनोें जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जोड-़तोड़ चल रही थी,उस समय खुद शिवसेना के संजय राउत ने कहा था कि शरद पवार क्या कह रहे हैं,उसे समझने में आपको सौ साल लगेंगे।
चलिए कम से कम ऐसे दो नेता तो अपने देश में उपलब्ध हैं जिन्हें समझने में सौ साल लगेंगे ।
लगता है कि ये दर्शनीय नेता हैं !!
खैर , अब देखना यह है कि ये रहस्यमयी नेता द्वय अपने ताजा अभियानों में सफल होते हैं या असफल !!
राजनीतिक प्रेक्षक कहते हैं कि शरद पवार शायद सफल भी हो जाएं ,पर शरद यादव की सफलता में अधिकतर लोगों को भारी संदेह हैं।
वैसे भी महाराष्ट्र सरकार बचाना भी कम कठिन काम नहीं है।
उद्धव ठाकरे के सामने संकट यह है कि सरकार बचाने पर उनका वोट बैंक चला जाएगा।
यदि वोट बैंक बचाएंगे तो सरकार चली जाएगी।
देखना है कि वे दोनों के बीच वे क्या चुनते हैं !!
फरवरी 2020
--सुरेंद्र किशोर--
एक शरद महाराष्ट्र की अपनी सरकार बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
दूसरे शरद बिहार में अपने मन की सरकार बनवाने की अति महत्वाकांक्षी योजना की सफलता के लिए प्रयत्नशील हैं।
दोनों शरद यानी शरद पवार और शरद यादव के बारे में
एक खास बात कही जाती है।
एक बार लालू प्रसाद ने मीडिया से कहा था कि शरद यादव को समझने में आपको सौ साल लगेंगे।
पिछले दिनोें जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जोड-़तोड़ चल रही थी,उस समय खुद शिवसेना के संजय राउत ने कहा था कि शरद पवार क्या कह रहे हैं,उसे समझने में आपको सौ साल लगेंगे।
चलिए कम से कम ऐसे दो नेता तो अपने देश में उपलब्ध हैं जिन्हें समझने में सौ साल लगेंगे ।
लगता है कि ये दर्शनीय नेता हैं !!
खैर , अब देखना यह है कि ये रहस्यमयी नेता द्वय अपने ताजा अभियानों में सफल होते हैं या असफल !!
राजनीतिक प्रेक्षक कहते हैं कि शरद पवार शायद सफल भी हो जाएं ,पर शरद यादव की सफलता में अधिकतर लोगों को भारी संदेह हैं।
वैसे भी महाराष्ट्र सरकार बचाना भी कम कठिन काम नहीं है।
उद्धव ठाकरे के सामने संकट यह है कि सरकार बचाने पर उनका वोट बैंक चला जाएगा।
यदि वोट बैंक बचाएंगे तो सरकार चली जाएगी।
देखना है कि वे दोनों के बीच वे क्या चुनते हैं !!
फरवरी 2020
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