विरल रोग की चपेट में बच्चे
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इन दिनों इस देश के कुछ बच्चे एक विरल व जटिल रोग से पीडि़त हैं।
यह आनुवांशिक रोग है।
इस रोग का नाम है--एम.पी.एस.-2 हंटर सिन्ड्रोम ।
देश में ऐसे मरीजों की कुल संख्या करीब 400 है।
दो से चार साल के शिशु के शरीर को यह जानलेवा रोग अपनी गिरफ्त में ले लेता है।
इस रोग से संबंधित सर्वाधिक दुखदायी बात यह है कि इसका इलाज अत्यंत महंगा है।
यदि हर साल 50 लाख रुपए खर्च किए जाएं
तो कुछ समय में मरीज ठीक हो सकता है।
पीडि़त के परिजन पिछले दिनों इस सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मिले थे।
उन्होंने कुछ आश्वासन भी दिया है।
पर मुझे लगता है कि इसमें प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप की जरुरत है ताकि सैकड़ों अबोध बालकों की प्राण रक्षा की जा सके।
----सुरेंद्र किशोर--24 फरवरी 2020
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इन दिनों इस देश के कुछ बच्चे एक विरल व जटिल रोग से पीडि़त हैं।
यह आनुवांशिक रोग है।
इस रोग का नाम है--एम.पी.एस.-2 हंटर सिन्ड्रोम ।
देश में ऐसे मरीजों की कुल संख्या करीब 400 है।
दो से चार साल के शिशु के शरीर को यह जानलेवा रोग अपनी गिरफ्त में ले लेता है।
इस रोग से संबंधित सर्वाधिक दुखदायी बात यह है कि इसका इलाज अत्यंत महंगा है।
यदि हर साल 50 लाख रुपए खर्च किए जाएं
तो कुछ समय में मरीज ठीक हो सकता है।
पीडि़त के परिजन पिछले दिनों इस सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मिले थे।
उन्होंने कुछ आश्वासन भी दिया है।
पर मुझे लगता है कि इसमें प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप की जरुरत है ताकि सैकड़ों अबोध बालकों की प्राण रक्षा की जा सके।
----सुरेंद्र किशोर--24 फरवरी 2020
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