रविवार, 7 जुलाई 2019

ये 5 सवाल जवाब मांगते हैं


1-19 करोड़ भारतीयों को एक ही वक्त यानी एक ही जून का भोजन मिल पाता है।

जबकि ताजा आंकड़ों के अनुसार इस देश के सिर्फ एक प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की 58 दशमलव 4 प्रतिशत दौलत सिमट गई है।

दौलत के संकेंद्रण की रफ्तार सन 2000 से 2017 की अवधि में सर्वाधिक तीव्र  रही। इस बीच असमानता छह गुनी रफ्तार से बढ़ी।

जबकि, भारतीय संविधान के नीति निदेशक तत्व चैप्टर में लिखा गया है कि ‘आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले कि धन और उत्पादन के साधनों का सर्व साधारण के लिए अहितकारी संकेंद्रण नहीं हो।’

सवाल है कि ऐसी स्थिति लाने के लिए कौन-कौन प्रभावशाली लोग जिम्मेवार रहे हैं ?

2.-जिस देश के अधिकतर अस्पतालों में मरीजों के लिए रूई-सूई, स्टे्रचर-एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं है, उस देश के अनेक नेता अरबों रुपए की निजी संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं।उनमें से कई नेता करोड़ों के बंगलों में रहते हैं या फिर हाल तक रहते थे। ऐसे नेताओं को शर्म तक क्यों नहीं आती ?


3.- सन 1963 में ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष डी. संजीवैया को  इन्दौर के अपने भाषण में यह कहना पड़ा था कि ‘वे कांग्रेसी जो 1947 में भिखारी थे, वे आज करोड़पति बन बैठे। ( 1963 के एक करोड़ की कीमत आज कितनी होगी ?)

गुस्से में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘झोपडि़यों का स्थान शाही महलों ने और कैदखानों का स्थान कारखानों ने ले लिया है।’ 

आजादी के सिर्फ दो दशकों के भीतर ही इस देश में ऐसी लूट मचाने की छूट किसने दी ? तभी लुटेरों को सजा क्यों नहीं हुई ?

जबकि, आजादी के तत्काल बाद प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि कालाबाजारियों को करीब के लैम्प पोस्ट से लटका दिया जाना चाहिए।


4.-1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कालाहांडी की दरिद्रता से द्रवित होकर यह रहस्योद्घाटन कर दिया था कि हम दिल्ली से 100 पैसे भेजते हैं, पर सिर्फ पंद्रह पैसे ही जनता तक पहुंच पाते हैं।

1947 से 1985 के बीच के लोकतांत्रिक भारत के शासक कौन- कौन थे ? उनमें से किनके शासन काल में एक रुपया कितना अधिक या कम घिसा था ? आज सरकारी धन के घिसने का प्रतिशत क्या है ?

5.-इस देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्ट नेताओं -अफसरों और ईमानदार नेताओं और अफसरों के बीच द्वंद्व चलता रहा है। कभी एक पक्ष जीतता है तो कभी दूसरा पक्ष । आज कौन सा पक्ष जीतता नजर आ रहा है और कौन सा पक्ष हारता दिख रहा है ?

उपर्युक्त और अन्य बातों की पृष्ठभूमि में अपने देश का भविष्य आज कैसा दिखाई पड़ रहा  है ? 

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