बुधवार, 17 जुलाई 2019

  सुपर -30 के आनंद कुमार जब 
जनसत्ता के कुमार आनंद से मिले
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सुपर-30 के प्रमुख आनंद कुमार का पैर छूते ऋतिक रोशन की तस्वीर आज के दैनिक भास्कर में छपी है।
इस पर मुझे एक और पैर छूना याद आ गया।
आनंद कुमार दैनिक भास्कर के एक समारोह में आए थे।उन्होंने मेरा पैर छुआ।तब भास्कर को पटना से निकालने की तैयारी चल रही थी।
मुझे थोड़ा अटपटा लगा।
कोई मेरा पैर छुए,यह मुझे अच्छा नहीं लगता।
आनंद ने कहा, ‘आपने मुझे नहीं पहचाना ?’
आपने ही मेरे लिए जनसत्ता वाले कुमार आनंद जी को पत्र लिखा था।
कुमार आनंद ने जनसत्ता में मेरे काम के बारे में विस्तार से छापा था।’
राष्ट्रीय स्तर पर आनंद कुमार को संभवतः पहली बार
जनसत्ता के जरिए ही पब्लिसिटी मिली थी।
  कुमार आनंद मूल रूप से बिहार के ही हैं।इन दिनों भी वे दिल्ली में किसी बड़े पद पर हैं।
मैं उन दिनों जनसत्ता का बिहार संवाददाता था।
  यानी आनंद कुमार का सफर  कुमार आनंद तक !
खैर, बाद में कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि सुपर -30 वाले आनंद कुमार आम तौर पर पिछड़े वर्ग के लड़कों को तरजीह देते हैं।
पर, बाद में मुझे लगा कि शायद यह प्रचार सही नहीं है।
फिर भी यदि पिछड़ों को ही तरजीह दे रहे हैं तो भी अच्छा है।
क्योंकि पिछड़ों को बेहतर शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने से देश मजबूत ही होगा।
  पर, एक दिन मेरे गांव का राजपूत का एक लड़का मेरे घर आया।
वह उन दिनों एन.आई.टी.पटना में पढ़ता था।
मुझे खुशी हुई कि मेरे गांव का एक और लडक़ा इंजीनियर बना।
उसने बताया कि वह आनंद कुमार की कोचिंग से ही पढ़कर इंजीनियरिंग में दाखिला कराया।
जुलाई 2019
   

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