मंगलवार, 16 जुलाई 2019


   यहां ऐसा भी होता है !
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2001 में विश्व व्यापार केंद्र पर आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने अपने कानूनों को और भी कड़ा कर लिया था।सुरक्षा जांच कठोर बना दी।
 इन दिनों चीन भी अपने देश में सक्रिय जेहादी तत्वों का एक खास तरह से ‘इलाज’ कर रहा है।
अन्य देश भी अपने देश की सुरक्षा के लिए 
जरूरत के अनुसार कठोर कदम उठाते रहते हैं।
पर, दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति सिर्फ भारत के साथ है।
  यहां अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2002 में  
कारगर ‘पोटा’ कानून बनाया।
  उससे आतंकवादियों से निपटने में सुविधा मिल रही थी।
पर, उससे कांग्रेस तथा कुछ अन्य दलों के वोट बैंक को तकलीफ हो रही थी।
2004 में जब मन मोहन की सरकार बनी तो पोटा को समाप्त कर दिया गया।
  नतीजतन 2004 से 2008 तक आतंकी गतिविधियां काफी बढ़  गईं।
2008 में तो मुम्बई पर भारी आतंकी हमला हो गया।मजबूर होकर मन मोहन सरकार को एन.आई.ए.बनाना पड़ा।
पर, अब जब एन.आई.ए.नाकाफी साबित हो रहा है तो मोदी सरकार ने एन.आई.ए.संशोधन विधेयक, 2019 लोक सभा से आज पास कराया।
  स्वाभाविक ही था कि ओवैसी जैसे नेता किसी न किसी बहाने उसका विरोध करें।
पर कांगेेस के सदस्य ने भी आज लोक सभा में उस बिल के खिलाफ भाषण क्यांे किया ?कहा कि इस कानून से पुलिस
राज कायम हो जाएगा। 
उसने तो यह भी कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट  सी.बी.आई.को असंवैधानिक घोषित कर चुका है।
  दरअसल कांग्रेस के अनेक नेतागण इन दिनों सी.बी.आई. और अदालत की गिरफ्त में हैं।लगता है कि वे चाहते हैं कि सी.बी.आई.अपना काम रोक दे।
  2014 की हार के बाद ए.के. एंटोनी ने कांग्रेस की हार का कारण भ्रष्टाचार व मुस्लिम तुष्टिकरण बताया था।
2019 की हार के भी वही कारण रहे।
फिर भी लगता है कि कांग्रेस अपने चाल, चरित्र और चिंतन में कोई परिवत्र्तन करने वाली नहीं है चाहे उसके अच्छे दिन कभी आएं या नहीं !
 भारत के अलावा दुनिया में ऐसा और कौन सा देश है जहां के कुछ नेतागण जाने अन जाने या वोट के लिए ऐसे- ऐसे काम करते रहते हैं जिनसे  देसी -विदेशी आतंकवादियों को उस देश को क्षत -विक्षत करने मेें मदद मिले ? 
  मेरी जानकारी में तो कोई अन्य देश नहीं है।
आपकी नजर में हो तो जरूर बताइएगा।

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