शनिवार, 27 जुलाई 2019

बिहार की बाढ़ का हल नेपाल में
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बिहार में बाढ़ की मूल समस्या पर डा.गौरीशंकर राजहंस 
ने 22 जुलाई 2019 के दैनिक आज में एक लेख लिखा है।
उस लेख की कुछ पंक्तियां यहां प्रस्तुत हैं--
‘पिछले अनेक वर्षों से यह प्रयास हुआ कि नेपाल से निकलने वाली नदियों पर उनके उद्गम स्थान पर ही बांध बनाए जाएं।
पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय ऐसा लगता था कि नेपाल और भारत के बीच कोई संधि हो जाएगी।
जिससे नदियों के उद्गम स्थल पर बांध बनाए जाएंगे।
 परंतु चीन के बहकावे पर नेपाल पीछे हट गया।
नेपाल ने कहा कि इस तरह का जो बांध बनेगा, उसका खर्च भारत डाॅलर में दे।
भारत ने कहा कि उसके पास इतना डाॅलर नहीं है।
भूटान में भी भारत ने जो बांध बनाया था जिससे बिजली पैदा हुई, उसका खर्च भी दोनों देशों ने रुपए में ही बांटा था।
भूटान में जब बिजली पैदा हुई तो उससे न केवल भूटान की जनता को फायदा हुआ,बल्कि भारत के कई राज्यों की जनता भी लाभान्वित हुई।
इधर नेपाल से समझौता नहीं होने के करण दोनों देशों के लोग प्रलयंकारी बाढ़ से तबाह हो रहे हैं।
भारत सरकार को बांध बनाने के लिए  फिर से प्रयास करना चाहिए।

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