--परंपरागत आॅटो उद्योग की जीत होगी या
इलेक्ट्रिक वीकल समर्थक मोदी सरकार की ?--
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हम अगले 6 साल में इस देश में पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचलन का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश करेंगे।
पर्यावरण थिंक टैंक सी.एस.ई.की ताजा रपट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण इस देश में हर साल एक लाख बच्चों की जान चली जाती है।
अन्य की मौत अलग है।
वाहन से निकलने वाले प्रदूषण का इसमें बहुत बड़ा योगदान होता है।
वित्त मंत्री की घोषणा के बाद बजाज आॅटो के एम.डी.राजीव बजाज ने कहा है कि‘क्या हम दुकान बंद कर घर बैठ जाएं ?’
राजीव बजाज के पूर्वज जमुनालाल बजाज स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी की लड़ाई में उनका बड़ा योगदान था।
अपने वंशज की इस प्रतिक्रिया पर जमुनालाल बजाज परलोक में क्या सोच रहे होंगे ?
क्या इसीलिए उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी कि उनके ही वंशज इस बात की भी परवाह न करे कि प्रदूषण से हर साल एक लाख तो सिर्फ बच्चे मर रहे हैं ?
खैर, यह तो राजीव बजाज को सोचना है। पर क्या मोदी सरकार अंततः बच्चों की जिंदगी का ध्यान रखेगी या बजाज तथा दूसरे आॅटो उद्योग के रोजगार का ?
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन किसके दबाव में आता है।
इलेक्ट्रिक वीकल समर्थक मोदी सरकार की ?--
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हम अगले 6 साल में इस देश में पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचलन का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश करेंगे।
पर्यावरण थिंक टैंक सी.एस.ई.की ताजा रपट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण इस देश में हर साल एक लाख बच्चों की जान चली जाती है।
अन्य की मौत अलग है।
वाहन से निकलने वाले प्रदूषण का इसमें बहुत बड़ा योगदान होता है।
वित्त मंत्री की घोषणा के बाद बजाज आॅटो के एम.डी.राजीव बजाज ने कहा है कि‘क्या हम दुकान बंद कर घर बैठ जाएं ?’
राजीव बजाज के पूर्वज जमुनालाल बजाज स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी की लड़ाई में उनका बड़ा योगदान था।
अपने वंशज की इस प्रतिक्रिया पर जमुनालाल बजाज परलोक में क्या सोच रहे होंगे ?
क्या इसीलिए उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी कि उनके ही वंशज इस बात की भी परवाह न करे कि प्रदूषण से हर साल एक लाख तो सिर्फ बच्चे मर रहे हैं ?
खैर, यह तो राजीव बजाज को सोचना है। पर क्या मोदी सरकार अंततः बच्चों की जिंदगी का ध्यान रखेगी या बजाज तथा दूसरे आॅटो उद्योग के रोजगार का ?
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन किसके दबाव में आता है।
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