हिंदी साप्ताहिक ‘आउटलुक’-17 अक्तूबर 2005
आउटलुक--तो दिक्कत कहां हुई ?
खुशवंत-..........सत्ता इंदिरा गांधी से मोरारजी के हाथों में आ गई।
उन्होंने जैनों से निश्चित रूप से मुझे बाहर निकालने के लिए संकेत किया क्योंकि मैं श्रीमती गांधी का समर्थन कर रहा था।
(याद रहे कि खुशवंत सिंह तब इलेस्ट्रेटेड वीकली आॅफ इंडिया के संपादक थे।)
आउटलुक - आप श्रीमती गांधी के इतना करीब कैसे आए ?
खुशवंत- इंदिरा मुझे पसंद करने लगीं क्योंकि मैं संजय का समर्थन कर रहा था।
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