22 अगस्त 2019 के दैनिक ‘आज’ की एक रपट
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बाइकर्स गैंग के आतंक से खौफजदा हैं शहरवासी
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राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण
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‘.............बाइकर्स गैंग को राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण प्राप्त है।पुलिस इन्हें पकड़ कर इनके नाम- पते पूछने ही लगती है कि राजनीतिक नेताओं के फोन आने श्ुारू हो जाते हैं।
वे कहते हैं कि बच्चे हैं,पार्टी से जुड़े हैं।गलती की है,इस बार माफ कर दीजिए।
यही सिलसिला चलते रहता है।
इसका मुख्य कारण यह है कि राजनीतिक पार्टियों को जब मोटर साइकिल रैली निकालनी होती है तो बाइकर्स गंैग के यही लोग रैली में शामिल होते हैं।
आम लोगों की बात कौन कहे, हाल में पटना में एक रिटायर आई.पी.एस.अफसर और उनके परिजन बाइकर्स गैंग की हिंसा के शिकार बन गए।
दूसरी घटना के तहत एक हाईकोर्ट जज को बाइकर्स गैंग से बचाने के लिए खुद डी.जीपी को घटनास्थल पर पहुंचना पड़ा।
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नोट-- कौन कहता है कि बिहार में देर- सवेर जंगल राज की वापसी नहीं हो सकती,यदि राजनेताओं की इसी तरह
मदद मिलती रहे ! ! !
दैनिक आज तो यह भी लिखता है कि ‘रंगदारी से लेकर हत्या तक की सुपारी लेते हैं बाइकर्स गैंग।’
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बाइकर्स गैंग के आतंक से खौफजदा हैं शहरवासी
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राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण
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‘.............बाइकर्स गैंग को राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण प्राप्त है।पुलिस इन्हें पकड़ कर इनके नाम- पते पूछने ही लगती है कि राजनीतिक नेताओं के फोन आने श्ुारू हो जाते हैं।
वे कहते हैं कि बच्चे हैं,पार्टी से जुड़े हैं।गलती की है,इस बार माफ कर दीजिए।
यही सिलसिला चलते रहता है।
इसका मुख्य कारण यह है कि राजनीतिक पार्टियों को जब मोटर साइकिल रैली निकालनी होती है तो बाइकर्स गंैग के यही लोग रैली में शामिल होते हैं।
आम लोगों की बात कौन कहे, हाल में पटना में एक रिटायर आई.पी.एस.अफसर और उनके परिजन बाइकर्स गैंग की हिंसा के शिकार बन गए।
दूसरी घटना के तहत एक हाईकोर्ट जज को बाइकर्स गैंग से बचाने के लिए खुद डी.जीपी को घटनास्थल पर पहुंचना पड़ा।
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नोट-- कौन कहता है कि बिहार में देर- सवेर जंगल राज की वापसी नहीं हो सकती,यदि राजनेताओं की इसी तरह
मदद मिलती रहे ! ! !
दैनिक आज तो यह भी लिखता है कि ‘रंगदारी से लेकर हत्या तक की सुपारी लेते हैं बाइकर्स गैंग।’
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