शनिवार, 17 अगस्त 2019


राजनीति के अवांछित तत्वों से मुक्ति पाने का अवसर !
---------------------------------
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘क्राइम, कम्युनलिज्म और करप्शन से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।’
 किसी राज्य या देश का मुखिया यदि ऐसा कहता है तो शांतिप्रिय लोगों को राहत मिलती है।
उम्मीद है कि नीतीश कुमार अपनी इस उक्ति को कार्य रूप भी देंगे।
  पर, इसके अलावा एक और बुराई है जिससे दूर रहना चाहिए।
राजनीति में अब भी मौजूद भले लोगों को वैसे नेताओं से भी दूर रहना चाहिए जो जातीय और सांप्रदायिक वोट बैंक के ठेकेदार रहे हैं।
हालांकि अब उनका जमाना पूरी तरह गुजर जाने वाला है,ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
गुजरना शुरू भी हो चुका है।
  केंद्र की राजग सरकार ऐसे -ऐसे काम कर रही है और करने वाली है जिनसे कुछ अपवादों को छोड़कर देश भर में राजग उम्मीदवारों पर वोट बरसेंगे।
   क्राइम,कम्युनलिज्म और करप्शन का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
वोटों के ठेकदार भी इतिहास की चीज बन जाएंगे।
  हां, बिहार में राजग को 2005 में ऐसे तत्वों से मदद लेने की शायद मजबूरी थी।
क्योंकि तब यह कहा गया था कि लोहे को लोहा ही काटता है।
पर 2010 के बिहार विधान सभा चुनाव नतीजे ने बता दिया था कि अब कत्तई जरूरत नहीं है।फिर राजग उन तत्वों को ढोता रहा।
अब राजग के भीतर के अवांछित तत्वों से मुक्ति पाने का बहुत अच्छा अवसर आ गया है।अवसर हाथ से निकलने मत दीजिए।  
क्योंकि पता नहीं आगे क्या होगा !
राजनीति कब कैसी करवट बदलती है,कहा नहीं जा सकता।
किसी की एक गलती किसी को कहां से कहां पहुंचा देती है ! 

कोई टिप्पणी नहीं: