कश्मीर में अब नहीं तो कभी नहीं
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पी.वी.नरसिंह राव के प्रधान मंत्रित्व काल में
22 फरवरी 1994 को भारतीय संसद के दोनों
सदनों ने यह सर्वसम्मत प्रस्ताव पास किया था कि
पी.ओ.के.सहित पूरा जम्मू -कश्मीर भारत का अविभाज्य
अंग है।
इस संकल्प को अक्षरशः पूरा करने व कश्मीर समस्या को किसी भी कीमत पर सदा के लिए समाप्त कर देने की जिम्मेवारी मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की है।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा इसलिए नहीं दिया गया था कि उसका लाभ उठा कर वहां के कुछ राष्ट्र विरोधी स्थानीय नेता लोग देसी-विदेशी जेहादियों को वहां नंगा नाच करने दें।
यदि इस बीमारी को कश्मीर में ही दबा नहीं दिया गया तो एक न एक दिन पूरे देश में फैल जा सकती है।
यह खतरा कम से कम मोदी सरकार तो नहीं ही उठाएगी,ऐसी उम्मीद देश कर रहा है।
5 अगस्त 2019--पूर्वाह्न 10 बज कर आठ मिनट
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पी.वी.नरसिंह राव के प्रधान मंत्रित्व काल में
22 फरवरी 1994 को भारतीय संसद के दोनों
सदनों ने यह सर्वसम्मत प्रस्ताव पास किया था कि
पी.ओ.के.सहित पूरा जम्मू -कश्मीर भारत का अविभाज्य
अंग है।
इस संकल्प को अक्षरशः पूरा करने व कश्मीर समस्या को किसी भी कीमत पर सदा के लिए समाप्त कर देने की जिम्मेवारी मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की है।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा इसलिए नहीं दिया गया था कि उसका लाभ उठा कर वहां के कुछ राष्ट्र विरोधी स्थानीय नेता लोग देसी-विदेशी जेहादियों को वहां नंगा नाच करने दें।
यदि इस बीमारी को कश्मीर में ही दबा नहीं दिया गया तो एक न एक दिन पूरे देश में फैल जा सकती है।
यह खतरा कम से कम मोदी सरकार तो नहीं ही उठाएगी,ऐसी उम्मीद देश कर रहा है।
5 अगस्त 2019--पूर्वाह्न 10 बज कर आठ मिनट
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