जो बोया,वही तो काट रहे
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आजादी के तत्काल बाद की सरकार ने कई अच्छे काम भी
किए।
पर, साथ ही उसने हमारी कुछ प्रमुख समस्याओं के साथ खिलवाड़ भी किया।कुछ जाने में तो कुछ अनजाने में ।
उनमें सुरक्षा,भ्रष्टाचार और घुसपैठियों की समस्याएं शामिल थीं।
1.-सेना को एक करोड़ रुपए की सख्त जरूरत थी।
सरकार ने नहीं दिया।
उसके बाद चीन ने हम पर हमला कर दिया।
क्या हाल हुआ,वह प्रमुख पत्रकार मन मोहन शर्मा के शब्दों में पढ़ लीजिए,
‘एक युद्ध संवाददाता के रूप में मैंने चीन के हमले को कवर किया था।
मुझे याद है कि हम युद्ध के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे।
हमारी सेना के पास अस्त्र,शस्त्र की बात छोडि़ये,कपड़े तक नहीं थे।
तब अंबाला से 200 सैनिकों को एयर लिफ्ट किया गया था।
उन्होंने सूती कमीजें और निकरें पहन रखी थीं।
उन्हें बोमडीला में एयर ड्राप कर दिया गया
जहां का तापमान माइनस 40 डिग्री था।
वहां पर उन्हें गिराए जाते ही ठंड से सभी बेमौत मर गए।
2.-जिस नेता पर जीप घोटाले का आरोप लगा,उसे बाद में केंद्र मंत्री बना दिया गया।
भ्रष्टाचार को ऐसे प्रोत्साहन देने का नतीजा क्या हुआ,उसे जानने के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष डी.संजीवैया का 1963 का इंन्दौर का भाषण पढि़ए,
‘‘ ‘वे कांग्रेसी जो 1947 में भिखारी थे, वे आज करोड़पति बन बैठे।@ 1963 के एक करोड़ की कीमत आज कितनी होगी ?@
गुस्से में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘झोपडि़यों का स्थान शाही महलों ने और कैदखानों का स्थान कारखानों ने ले लिया है।’
3.-
कुछ साल पहले की बात है।
डी.वी.पर डिबेट चल रहा था।उन दिनों के डिबेट में वक्ताओं की बातें आप सुन भी सकते थे और समझ भी सकते थे।
आज की तरह ‘‘कुत्ता भुकाओ कार्यक्रम’’ नहीं होता था।
हालांकि आज भी सभी चैनलों पर ऐसा नहीं होता।
खैर एक तरफ भारतीय विदेश सेवा के पूर्व सदस्य थे तो दूसरी ओर शिवसेना के सांसद।
घुसपैठियों की समस्या और सीमा पर बाड़ लगाने की बात चली।
नेहरू युग के उस अफसर ने कहा कि ‘यदि हम सीमा पर बाड़ लगाएंगे तो दुनिया में हमारे देश की छवि खराब हो जाएगी।
उस पर शिवसेना के सांसद ने उनसे पूछा कि ‘आप भारत के विदेश सचिव थे या बंगला देश के ?’
ऐसे बढ़ती गईं हमारी समस्याएं !!!
आज आप देश भर में क्या हिंसा देख रहे हैं !!!
आगे की राह तो और भी कठिन लगती है ???????
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आजादी के तत्काल बाद की सरकार ने कई अच्छे काम भी
किए।
पर, साथ ही उसने हमारी कुछ प्रमुख समस्याओं के साथ खिलवाड़ भी किया।कुछ जाने में तो कुछ अनजाने में ।
उनमें सुरक्षा,भ्रष्टाचार और घुसपैठियों की समस्याएं शामिल थीं।
1.-सेना को एक करोड़ रुपए की सख्त जरूरत थी।
सरकार ने नहीं दिया।
उसके बाद चीन ने हम पर हमला कर दिया।
क्या हाल हुआ,वह प्रमुख पत्रकार मन मोहन शर्मा के शब्दों में पढ़ लीजिए,
‘एक युद्ध संवाददाता के रूप में मैंने चीन के हमले को कवर किया था।
मुझे याद है कि हम युद्ध के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे।
हमारी सेना के पास अस्त्र,शस्त्र की बात छोडि़ये,कपड़े तक नहीं थे।
तब अंबाला से 200 सैनिकों को एयर लिफ्ट किया गया था।
उन्होंने सूती कमीजें और निकरें पहन रखी थीं।
उन्हें बोमडीला में एयर ड्राप कर दिया गया
जहां का तापमान माइनस 40 डिग्री था।
वहां पर उन्हें गिराए जाते ही ठंड से सभी बेमौत मर गए।
2.-जिस नेता पर जीप घोटाले का आरोप लगा,उसे बाद में केंद्र मंत्री बना दिया गया।
भ्रष्टाचार को ऐसे प्रोत्साहन देने का नतीजा क्या हुआ,उसे जानने के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष डी.संजीवैया का 1963 का इंन्दौर का भाषण पढि़ए,
‘‘ ‘वे कांग्रेसी जो 1947 में भिखारी थे, वे आज करोड़पति बन बैठे।@ 1963 के एक करोड़ की कीमत आज कितनी होगी ?@
गुस्से में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘झोपडि़यों का स्थान शाही महलों ने और कैदखानों का स्थान कारखानों ने ले लिया है।’
3.-
कुछ साल पहले की बात है।
डी.वी.पर डिबेट चल रहा था।उन दिनों के डिबेट में वक्ताओं की बातें आप सुन भी सकते थे और समझ भी सकते थे।
आज की तरह ‘‘कुत्ता भुकाओ कार्यक्रम’’ नहीं होता था।
हालांकि आज भी सभी चैनलों पर ऐसा नहीं होता।
खैर एक तरफ भारतीय विदेश सेवा के पूर्व सदस्य थे तो दूसरी ओर शिवसेना के सांसद।
घुसपैठियों की समस्या और सीमा पर बाड़ लगाने की बात चली।
नेहरू युग के उस अफसर ने कहा कि ‘यदि हम सीमा पर बाड़ लगाएंगे तो दुनिया में हमारे देश की छवि खराब हो जाएगी।
उस पर शिवसेना के सांसद ने उनसे पूछा कि ‘आप भारत के विदेश सचिव थे या बंगला देश के ?’
ऐसे बढ़ती गईं हमारी समस्याएं !!!
आज आप देश भर में क्या हिंसा देख रहे हैं !!!
आगे की राह तो और भी कठिन लगती है ???????
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