अयोध्या पर पुनर्विचार का अर्थ
.....................................................
अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महा सचिव
मौलाना वली रहमानी ने कहा है कि ‘‘99 प्रतिशत मुस्लिम
--अयोध्या पर-- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार चाहते हैं।’’
वैसे निर्णय के तत्काल बाद की टिप्पणियों से अनेक लोगों को लगा था कि अधिकतर मुस्लिम अदालती फैसले को स्वीकार करते हैं।
पर, वली रहमानी ने एक दूसरी ही तस्वीर पेश कर दी है।
वली रहमानी की बात यदि सही है तो उससे एक खास निष्कर्ष निकलता है।
वह यह कि 99 प्रतिशत मुस्लिम बाबर के उस कृत्य को सही ठहराते हैं जिसके तहत उसने राम मंदिर को तोड़वा कर मस्जिद बनवाई थी।
यानी मीर बाकी ने हिन्दुओं की भावनाओं का जो मान -मर्दन किया था,उस ‘उपलब्धि’ से 99 प्रतिशत लोग खुद को वंचित नहीं करना चाहते।
वैसे मैं अब भी यह उम्मीद करता हूंं कि खुदा करे कि वली रहमानी की 99 प्रतिशत वाली बात सही नहीं हो !
एक पुराने विवद-तनाव को बनाए रखने में किसी का हित नहीं है।
दोनों पक्षों के अतिवादियों का हित जरूर है।
3 दिसंबर 2019
.....................................................
अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महा सचिव
मौलाना वली रहमानी ने कहा है कि ‘‘99 प्रतिशत मुस्लिम
--अयोध्या पर-- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार चाहते हैं।’’
वैसे निर्णय के तत्काल बाद की टिप्पणियों से अनेक लोगों को लगा था कि अधिकतर मुस्लिम अदालती फैसले को स्वीकार करते हैं।
पर, वली रहमानी ने एक दूसरी ही तस्वीर पेश कर दी है।
वली रहमानी की बात यदि सही है तो उससे एक खास निष्कर्ष निकलता है।
वह यह कि 99 प्रतिशत मुस्लिम बाबर के उस कृत्य को सही ठहराते हैं जिसके तहत उसने राम मंदिर को तोड़वा कर मस्जिद बनवाई थी।
यानी मीर बाकी ने हिन्दुओं की भावनाओं का जो मान -मर्दन किया था,उस ‘उपलब्धि’ से 99 प्रतिशत लोग खुद को वंचित नहीं करना चाहते।
वैसे मैं अब भी यह उम्मीद करता हूंं कि खुदा करे कि वली रहमानी की 99 प्रतिशत वाली बात सही नहीं हो !
एक पुराने विवद-तनाव को बनाए रखने में किसी का हित नहीं है।
दोनों पक्षों के अतिवादियों का हित जरूर है।
3 दिसंबर 2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें