लंबे सघर्ष के संकेत
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कल दुमका में कह दिया
कि
‘‘सरकार ने नागरिकता कानून में जो बदलाव किए हैं,वे देश
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को बचाने के लिए हैं।’’
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अब आप इसके निहितार्थ को समझ कर लंबे ‘संघर्ष’ के लिए कम से कम मानसिक रूप से तैयार हो जाइए।
यह संदेश दोनों पक्षों के संघर्षशील लोगों के लिए है।
मोदी के समर्थक-प्रशंसक बताते हंै कि जिस काम को प्रधान मंत्री ‘देश को बचाने वाला’ काम मानते हैं,उसे वे बीच में कभी नहीं छोड़ते।
वैसे भी उनका कार्यकाल 2024 तक है।
यानी उनके पास समय भी है।
इस बीच वे बड़े- बड़े खतरे उठाकर भी क्या -क्या कर गुजरेंगे , इसका सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।
और उसकी प्रतिक्रिया में भी क्या -क्या होगा,
इसका भी कोई अंदाज नहीं लगा सकता।
पर, होनी को भला कौन टाल सकता है !!
16 दिसंबर 2019
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कल दुमका में कह दिया
कि
‘‘सरकार ने नागरिकता कानून में जो बदलाव किए हैं,वे देश
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को बचाने के लिए हैं।’’
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अब आप इसके निहितार्थ को समझ कर लंबे ‘संघर्ष’ के लिए कम से कम मानसिक रूप से तैयार हो जाइए।
यह संदेश दोनों पक्षों के संघर्षशील लोगों के लिए है।
मोदी के समर्थक-प्रशंसक बताते हंै कि जिस काम को प्रधान मंत्री ‘देश को बचाने वाला’ काम मानते हैं,उसे वे बीच में कभी नहीं छोड़ते।
वैसे भी उनका कार्यकाल 2024 तक है।
यानी उनके पास समय भी है।
इस बीच वे बड़े- बड़े खतरे उठाकर भी क्या -क्या कर गुजरेंगे , इसका सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।
और उसकी प्रतिक्रिया में भी क्या -क्या होगा,
इसका भी कोई अंदाज नहीं लगा सकता।
पर, होनी को भला कौन टाल सकता है !!
16 दिसंबर 2019
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