सोमवार, 9 दिसंबर 2019

‘‘हिन्दू समाज असीम धैर्य वाला है।
धर्म निपेक्षता की सारी बातें हिन्दू  और मुस्लिम
के बीच विभाजन पैदा करने के लिए की जाती हैं।’’
  --अब्दुल गफूर,पूर्व मुख्य मंत्री, बिहार सरकार
        हिन्दुस्तान टाइम्स, पटना, 23 जून 1997
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नई पीढ़ी के लिए गफूर साहब का संक्षिप्त परिचय
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आज के माहौल में स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व केंद्रीय मंत्री गफूर साहब की उक्ति महत्वपूर्ण है।
स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल गफूर 1952 में पहली बार विधायक बने थे।
बाद में भी कई बार विधायक रहे।
जीवन के प्रारंभिक कालावधि में वह मुस्लिम लीग में थे।
पर जिन्ना से मतभेद के कारण उन्होंने लीग छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली।
कांग्रेस में वे सुभाषचंद्र बोस के साथ थे।
कुछ दिनों तक वे नेता जी की पार्टी फारवर्ड ब्लाॅक में भी रहे।
केंद्र में जब मंत्री थे तो प्रधान मंत्री राजीव गांधी से उनका मतभेद हुआ।
तुरंत गफूर साहब ने उनके आॅफिस में राजीव जी से ही कलम -कागज मांगकर अपना इस्तीफा उनको सौंप दिया था।
स्वाभिमानी गफूर का 2004 में निधन हो गया। 
2019




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