रविवार, 22 दिसंबर 2019

उधार प्रेम की कैंची
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दशकों से एक विनोदपूर्ण कहावत सुनता रहा हूं
‘‘जो किसी को पुस्तक उधार दे,वह मूर्ख।
जो उस पुस्तक को वापस कर दे,वह महामूर्ख।’’
  अब उस कहावत में समय के हिसाब से एक नया तत्व जुड़ गया है।
यदि आप अपनी पुस्तक लौटाने को कहेंगे तो हो सकता है कि वह यह कहते हुए आपस झगड़ पडे़ कि आपको तो पहले ही लौटा चुका हूं।
आप फिर क्यों मांग रहे हैं ?़
ऐसा हो भी रहा है।
सही कहा गया है कि
‘‘उधार प्रेम की कैंची है !’’
--सुरेंद्र किशोर -- 21 दिसंबर 2019
  

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