पटना की सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए आज कल प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। जबकि, पचास -साठ के दशकों में यह काम थानेदार कर देता था। पुलिस आज कारगर क्यों नहीं हो पाती है ? इसके कारण पूर्व डी.जी.पी. अभयानंद और समाजशास्त्री डा. ए.के. वर्मा ने प्रभात खबर (16 सितंबर 2019) से बातचीत में बताए है।
नब्बे के दशक में तो अतिक्रमण हटाने के लिए तो खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को पटना की सड़कों पर उतरना पड़ा था। लगता है कि नब्बे के दशक में कमिश्नर भी कारगर नहीं हो पर रहे थे।
उसका कारण बताया था केंद्र सरकार के सचिव एन.सी.सक्सेना ने। 5 फरवरी 1998 को बिहार सरकार के मुख्य सचिव को भेजे अपने एक नोट में केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव सक्सेना ने कहा था कि ‘बिहार के बड़े अफसर और उगाही करने वाले राजनेताओं, इंस्पेक्टरों और बाबुओं में फर्क करना असंभव हो गया है।’
नब्बे के दशक में तो अतिक्रमण हटाने के लिए तो खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को पटना की सड़कों पर उतरना पड़ा था। लगता है कि नब्बे के दशक में कमिश्नर भी कारगर नहीं हो पर रहे थे।
उसका कारण बताया था केंद्र सरकार के सचिव एन.सी.सक्सेना ने। 5 फरवरी 1998 को बिहार सरकार के मुख्य सचिव को भेजे अपने एक नोट में केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव सक्सेना ने कहा था कि ‘बिहार के बड़े अफसर और उगाही करने वाले राजनेताओं, इंस्पेक्टरों और बाबुओं में फर्क करना असंभव हो गया है।’
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