जब दारोगा राय ने ठुकरा दी थी रिश्वत-राशि
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कल उनके जन्म दिन पर मुझे दारोगा प्रसाद राय के बारे में एक खास बात की याद आ गई।
सारण जिले के एक मुखिया ने उनके बारे में एक संस्मरण मुझे सुनाया था।मुखिया जी मेरे पारिवारिक मित्र थे।
हाल ही में उनका निधन हुआ है।
तब दारोगा प्रसाद राय मुख्य मंत्री थे।
मुखिया जी उनके काफी करीबी थे।
मुखिया जी एक इंजीनियर की पैरवी का काम लेकर मुख्य मंत्री के पास पहुंचे थे।
उन दिनों नन-वर्क से वर्क में तबादले के लिए 12 हजार रुपए नजराना देना पड़ता था।
दारोगा बाबू ने उनका काम कर दिया।
मुखिया जी मुख्य मंत्री को 12 हजार रुपए देने लगे।
दारोगा बाबू ने कहा कि ‘मुखिया जी,इसे आप ही रख लीजिए।
मुझे तो चुनाव लड़ने के लिए चंदा मिल ही जाता है। सिर्फ एक बार टाटा नगर जाना पड़ता है।’
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कल उनके जन्म दिन पर मुझे दारोगा प्रसाद राय के बारे में एक खास बात की याद आ गई।
सारण जिले के एक मुखिया ने उनके बारे में एक संस्मरण मुझे सुनाया था।मुखिया जी मेरे पारिवारिक मित्र थे।
हाल ही में उनका निधन हुआ है।
तब दारोगा प्रसाद राय मुख्य मंत्री थे।
मुखिया जी उनके काफी करीबी थे।
मुखिया जी एक इंजीनियर की पैरवी का काम लेकर मुख्य मंत्री के पास पहुंचे थे।
उन दिनों नन-वर्क से वर्क में तबादले के लिए 12 हजार रुपए नजराना देना पड़ता था।
दारोगा बाबू ने उनका काम कर दिया।
मुखिया जी मुख्य मंत्री को 12 हजार रुपए देने लगे।
दारोगा बाबू ने कहा कि ‘मुखिया जी,इसे आप ही रख लीजिए।
मुझे तो चुनाव लड़ने के लिए चंदा मिल ही जाता है। सिर्फ एक बार टाटा नगर जाना पड़ता है।’
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