सोमवार, 16 सितंबर 2019

डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था कि  ‘‘मैं संघर्षशील व्यक्ति हूं। सुरा, सुंदरी और दौलत में मेरी आसक्ति नहीं है। दूसरे नेता राजनीति और अपनी  रखैलों में व्यस्त रहते हैं तो मैं राजनीति में व्यस्त रहता हूं।’’
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डा.स्वामी के बारे में अरुण नेहरू की राय थी कि
‘‘सुब्रह्मण्यम स्वामी की बातों और कामों से यह साफ पता चलता है कि हार्वर्ड विश्व विद्यालय भी भयंकर भूलें कर सकता है।’’ 
   (इंडिया टूडे - हिंदी-31 जनवरी, 1991 -पेज-15) 

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