बुधवार, 25 सितंबर 2019

हमारे यहां आदिकाल से नीम, पीपल और तुलसी का विशेष महत्व रहा है।
पर 68 साल पहले सरकार ने सरकारी खर्चे पर पीपल के पौधरोपण का काम बंद कर दिया।
  संभवतः सरकार को लगा होगा कि उससे अल्ट्रा सेक्यूलरिस्ट्स खफा हो जाएंगे।
दरअसल जहां पीपल का पेड़ होता है,वहां लोग पूजा करने लगते हैं।
सरकार चाहती थी कि हमें  ‘पूजा स्थल’ बनाने के आरोप से बचना चाहिए।
याद रहे कि हाल में एक विशेषज्ञ ने कहा  कि यदि 500 मीटर की दूरी पर पीपल के वृक्ष लगा दिए जाएं तो पर्यावरण असंतुलन की समस्या समाप्त हो जाएगी।
25 सितंबर 2019

  

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