शनिवार, 14 सितंबर 2019

जम्मू—कश्मीर मई, 1989 : राज्यपाल की रिपोर्ट — ‘हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं ’


मई, 1989 में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन ने केंद्र सरकार को जो रपट भेजी, उसका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है।

‘हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। सब कुछ तकरीबन बेकाबू हो गया है। पिछले पांच दिनों में बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी, हड़तालें, फायरिंग, मौतेें और न जाने क्या -क्या सामने आया है।
हालात सचमुच नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं। हर दिन कोई न कोई मसला सिर उठाता रहता है।
कल बारी थी मकबूल बट्ट की, आज सैटेनिक वर्सेज की, कल दमन दिवस होगा और उसके बाद कुछ और।

मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की कोई विसात नहीं बची। उनका प्रभाव समाप्त हो चुका है--राजनीतिक प्रशासनिक दोनों ही, सिर्फ संवैधानिक खानापूरी की देर है। हालात की मांग है कि तुरंत प्रभावी हस्तक्षेप किया जाए। आज समय है। कल तक हो सकता है बहुत देर हो जाए।’’


‘‘ 8 से 13 मई के दौरान बम विस्फोट की 14 घटनाएं हुईं हैं। फायरिंग और आपस में गोलियां चलने के छह मामले सामने आए हैं। चार लोग मारे गए और 20 घायल हो गए। एक पर्यटन बस पर गोलियां चलीं। चार पर्यटक जख्मी हुए। वर्तमान प्रशासनिक और राजनीतिक ढांचा एक बार फिर नकारा साबित हुआ है।

हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ करने वालों के इरादों को नाकाम करने के लिए राजनीतिक हलकों की ओर से कोई ठोस प्रयत्न नहीं हुआ। सबसे चिंताजनतक बात यह है कि हर ‘जीत’ तोड़फोड़ करने वालों के हौसले बुलंद कर रही है। वे केंंद्रीय अधिकारियों के खिलाफ दुश्मनी साधने लगे हैं।
मैंने मुख्यमंत्री को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है।

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— याद रहे कि 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जगमोहन को राज्यपाल बनाया और 1989 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें हटा दिया।

— प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने जनवरी 1990 में जगमोहन को जम्मू एंड कश्मीर का राज्यपाल बनाया। उन्होंने ही मई 1990 में उन्हें हटा दिया।

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हाल में गृहमंत्री अमित शाह जगमोहन से उनके आवास पर जाकर मिले थे।

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