गुरुवार, 12 सितंबर 2019

‘अगर इमरान खान मुस्लिमों के मानवाधिकारों को लेकर इतने ही गंभीर हैं तो वह चीन द्वारा यातना केंद्रों में मुसलमानों पर
हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भी बोलते।
   वह कश्मीर पर सिर्फ इसलिए बयानबाजी कर रहे हैं ,क्योंकि यह उनके लिए सियासी मसला है।’
                     ----पत्रकार तवलीन सिंह  
किसी और ने कहीं इस चुप्पी का दूसरा ही कारण बताया था।
दरअसल जेहादियों का लक्ष्य है कि पहले चीन की मदद से ‘गजवा-ए-हिन्द’ करना है।
फिर चीन को देख लेना है।
अभी चीन से दुश्मनी नहीं करनी है।
भले शिनजियांग के दो करोड़
मुसलमानों को जो भी पीड़ा झेलनी पड़े।़

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