आज जिनपर मुकदमे चल रहे हैं, यदि उन्हें सजा नहीं होगी तो भविष्य में इस गरीब देश में इससे भी बड़े -बड़े घोटाले-महाघोटाले हो सकते हैं।
आज की कहानी तो सबको मालूम ही है। नई पीढ़ी के लिए हवाला घोटाले की कहानी संक्षेप में --
नब्बे के दशक में चर्चित व घृणित जैन हवाला कांड हुआ था। जो जैन बंधु भारत विरोधी विदेशी ताकतों से पैसे लेकर कश्मीर के आतंकियों को पहुंचाते थे, उन्हीं जैन बंधुओं ने उसी पैसों में से इस देश के 115 बड़े नेताओं और नौकरशाहों को भी भारी रकम तब दी थी। लाभुकों में भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति, दो पूर्व प्रधानमंत्री, कई पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व—वर्तमान केंद्रीय मंत्री स्तर के अनेक नेता शामिल थे। वह बहुदलीय घोटाला था।
पैसे पाने वालों में खुफिया अफसर सहित 15 बड़े -बड़े अफसर भी थे। आरोप लगा था कि पैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. ने भिजवाए थे। जिस घोटाले में लगभग सभी प्रमुख दलों के बड़े नेता लिप्त हों, उन्हें सजा कैसे होगी ? नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सी.बी.आई. ने तो हवाला घोटाले की कोई जांच ही नहीं की।
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