धर्म और राजनीति
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‘‘ दरअसल देखा जाए तो धर्म दीर्घकालीन राजनीति है और राजनीति अल्पकालीन धर्म है।
यह है बढि़या धर्म और बढि़या राजनीति की परिभाषा ।
धर्म है अच्छाई को करना और अच्छाई की तारीफ करना और राजनीति है बुराई से लड़ना और बुराई की निन्दा करना।’’
---डा.राम मनोहर लोहिया,
17 दिसंबर, 1960 को कोटा में दिए गए लंबे भाषण का अंश।
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‘‘ दरअसल देखा जाए तो धर्म दीर्घकालीन राजनीति है और राजनीति अल्पकालीन धर्म है।
यह है बढि़या धर्म और बढि़या राजनीति की परिभाषा ।
धर्म है अच्छाई को करना और अच्छाई की तारीफ करना और राजनीति है बुराई से लड़ना और बुराई की निन्दा करना।’’
---डा.राम मनोहर लोहिया,
17 दिसंबर, 1960 को कोटा में दिए गए लंबे भाषण का अंश।
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