हिंदी का विस्तार !
---------------
इमरजेंसी में मैं मेधालय में था।
वहां की पहाडि़यों के बीच की झील में नौका विहार
के लिए कभी -कभी जाया करता था।
साथ में एक दुभाषिया होता था जो फुलबाड़ी के मेरे मेजबान का पड़ोसी था।
एक दिन नाव पर सवार एक गारो लड़का अमिताभ बच्चन की किसी फिल्म का गाना
गा रहा था।
उच्चारण में कोई अशुद्धि नहीं लगी।
मुझे लगा कि वह हिंदी जानता ही होगा।
मैंने उससे हिंदी में एक सवाल किया।
उसने कोई जवाब नहीं दिया।
साथ के दूसरे युवक ने कहा कि वह हिंदी नहीं जानता।
मुझे आश्चर्य हुआ कि उसे बोलचाल की टू्टी -फूटी हिंदी भी नहीं आती और हिंदी फिल्मों के गाने सहज ढंग
से गा लेता है !
---सुरेंद्र किशोर--26 सितंबर 2019
---------------
इमरजेंसी में मैं मेधालय में था।
वहां की पहाडि़यों के बीच की झील में नौका विहार
के लिए कभी -कभी जाया करता था।
साथ में एक दुभाषिया होता था जो फुलबाड़ी के मेरे मेजबान का पड़ोसी था।
एक दिन नाव पर सवार एक गारो लड़का अमिताभ बच्चन की किसी फिल्म का गाना
गा रहा था।
उच्चारण में कोई अशुद्धि नहीं लगी।
मुझे लगा कि वह हिंदी जानता ही होगा।
मैंने उससे हिंदी में एक सवाल किया।
उसने कोई जवाब नहीं दिया।
साथ के दूसरे युवक ने कहा कि वह हिंदी नहीं जानता।
मुझे आश्चर्य हुआ कि उसे बोलचाल की टू्टी -फूटी हिंदी भी नहीं आती और हिंदी फिल्मों के गाने सहज ढंग
से गा लेता है !
---सुरेंद्र किशोर--26 सितंबर 2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें