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प्रश्न-चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार पर आप क्या कहेंगे ?
इमरान खान-उइगर मुसलमानों के साथ चीन क्या कर रहा है, इसके बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं।
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इमरान खान ही नहीं, भारत के उन अतिवादी मुसलमानों को भी उइगर के यातना-नजरबंदी शिविरों-सुधार गृहों के बारे में कुछ भी नहीं पता जो फिलस्तीन के मुसलमानों और डेनमार्क के कार्टून आदि को लेकर भारत की सड़कों पर मरने -मारने पर उतारू हो जाते हैं।
यदि भारत के कम्युनिस्टों को उइगर के 2 करोड़ पीड़ित मुसलमानोंं के बारे में कुछ नहीं पता तो बात समझ में आती है। क्योंकि यहां के कोई कम्युनिस्ट कहता है कि 1962 में चीन ने नहीं बल्कि भारत ने ही चीन पर हमला किया था। दूसरी श्रेणी के कम्युनिस्ट कहते रहे कि चीन का चेयरमैन माओ हमारा चेयरमैन।
एक ही साल पहले केरल माकपा के सचिव ने कहा था कि भारत, अमेरिका और आस्ट्रेलिया मिलकर चीन को घेरना चाहते हैं। क्या आपने कभी सुना या देखा कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद, मुलायम यादव तथा एन. राम जैसे किसी सेक्युलर-समाजवादी पत्रकार नेता -संपादक ने उइगर के यातना-नजरबंदी शिविरों के बारे में कभी कुछ कहा या लिखा ?
हां, वे रोहिंग्या को भारत में बसाने के पक्ष में जरुर रहे।
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