एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाला
है।देश का सबसे बड़ा घोटाला।
इस मुकदमे में सी.बी.आई.के विशेष न्यायाधीश का आज निर्णय आया है।यह निर्णय खुद सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ है जो उसने 2012 में दिया था।
तब पहली नजर में इसे घोटाला मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 122 स्पैक्ट्रम लाइसेंस रद कर दिए थे।पर लोअर कोर्ट ने आज आरोपितों को दोषमुक्त करार दे दिया।
सी.बी.आई. अदालत के आज के निर्णय के खिलाफ सी.बी.आई.हाईकोर्ट में अपील करेगी।
हाई कोर्ट होते हुए मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट में जाएगा।
तब सुप्रीम कोर्ट के सामने निचली अदालत के निर्णय के साथ
ही 2012 का अपना निर्णय भी होगा।
सुप्रीम कोर्ट देखेगा कि लोअर कोर्ट ने मुकदमे के सबूतों को नजरअंदाज किया या फिर सी.बी.आई.ने निचली अदालत में सबूत ठीक से पेश ही नहीं किए।
फिर तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
पर इस बीच कई नेतागण आज के लोअर कोर्ट के निर्णय को फाइनल निर्णय मान कर बयान पर बयान दे रहे हैं।वे अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमले कर रहे हैं ।वे ऐसे नेता हैं जो अपने मामले में अक्सर यह कहा करते हैं कि जब तक किसी को सुप्र्रीम कोर्ट से सजा न हो जाए, तब तक उसे दोषी नहीं माना जा सकता है।
फिर जब तक कोई सुप्रीम कोर्ट से दोषमुक्त न हो जाए, तब तक उसे निर्दोष कैसे मान लिया जाए ?
है।देश का सबसे बड़ा घोटाला।
इस मुकदमे में सी.बी.आई.के विशेष न्यायाधीश का आज निर्णय आया है।यह निर्णय खुद सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ है जो उसने 2012 में दिया था।
तब पहली नजर में इसे घोटाला मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 122 स्पैक्ट्रम लाइसेंस रद कर दिए थे।पर लोअर कोर्ट ने आज आरोपितों को दोषमुक्त करार दे दिया।
सी.बी.आई. अदालत के आज के निर्णय के खिलाफ सी.बी.आई.हाईकोर्ट में अपील करेगी।
हाई कोर्ट होते हुए मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट में जाएगा।
तब सुप्रीम कोर्ट के सामने निचली अदालत के निर्णय के साथ
ही 2012 का अपना निर्णय भी होगा।
सुप्रीम कोर्ट देखेगा कि लोअर कोर्ट ने मुकदमे के सबूतों को नजरअंदाज किया या फिर सी.बी.आई.ने निचली अदालत में सबूत ठीक से पेश ही नहीं किए।
फिर तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
पर इस बीच कई नेतागण आज के लोअर कोर्ट के निर्णय को फाइनल निर्णय मान कर बयान पर बयान दे रहे हैं।वे अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमले कर रहे हैं ।वे ऐसे नेता हैं जो अपने मामले में अक्सर यह कहा करते हैं कि जब तक किसी को सुप्र्रीम कोर्ट से सजा न हो जाए, तब तक उसे दोषी नहीं माना जा सकता है।
फिर जब तक कोई सुप्रीम कोर्ट से दोषमुक्त न हो जाए, तब तक उसे निर्दोष कैसे मान लिया जाए ?
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